Gulshan Grover की बैडमैन इमेज से डरती थीं लड़कियां

बॉलीवुड एक्टर गुलशन ग्रोवर का नाम आते ही दिमाग में एक विलेन का किरदार घूमने लगता है। सुनील ने साल 1980 में फिल्म ‘हम पांच’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंनें अपने फिल्मी करियर में ज्यादातर नकारात्मक भूमिकाएं ही निभाईं। उनकी कुछ फिल्मों में सदमा (1983), राम लखन (1989), कुर्बान (1991), जिगर (1992) आदि आती हैं।
सोशल मीडिया पर बदली पर्सनैलिटी
हाल ही में एक्टर अर्चना पूरन सिंह और उनके पति परमीत सेठी के घर लंच पर गए थे। इस दौरान अर्चना ब्लॉगिंग भी कर रही थीं। इस बीच बातचीत में गुलशन ग्रोवर ने बताया कि उनकी विलेन इमेज की वजह लड़कियां उनके पास आने से घबराती थीं। जब परमीत ने गुलशन से पूछा कि क्या लड़कियां उनकी ऑन-स्क्रीन पर्सनैलिटी के कारण उनसे दूर रहती हैं, तो गुलशन ने सहमति जताते हुए कहा, “जब तक सोशल मीडिया नहीं आया था, तो कोई लड़की पास नहीं आती थी क्योंकि उन्हें लगता था जो स्क्रीन पर देखा था वही पर्सनैलिटी इस आदमी की है।”
उन्होंने आगे बताया,”एक बार मैं एक पार्टी में गया,अर्चना को गले लगाया, दूसरी हीरोइन ने देखा और पहले तो उसको विश्वास हुआ कि फिल्म में तो ये भाग रही थी और यहां गले मिल रही है, ये क्या बकवास है। फिर धीरे-धीरे लोगों को समझ आ गया कि वह सिर्फ एक भूमिका कर रहे हैं।”
इन फिल्मों में कर चुके हैं काम
बता दें कि गुलशन ग्रोवर को इस वजह से बॉलीवुड में ‘बैड मैन’ के नाम से जाता है। एक्टर ने अपनी दमदार अदाकारी के बल पर ये नाम पाया। अपनी प्रभावशाली स्क्रीन प्रीजेंस और डायलॉग डिलीवरी की वजह से ग्रोवर ने बॉलीवुड के खलनायक की छवि को नई परिभाषा दी। राम लखन में उनके द्वारा निभाया गया ‘बैड मैन’ का किरदार एक सांस्कृतिक घटना बन गया, जिसने उन्हें यह नाम दिलाया जो उनके पूरे करियर में उनके साथ रहा। उन्होंने मोहरा, सर, हेराफेरी और डुप्लीकेट जैसी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाई जिसे आज भी भुलाया नहीं जा सकता है।
गुलशन अगली बार उमेश शुक्ला द्वारा निर्देशित फिल्म “हीर एक्सप्रेस” में नजर आएंगे। उमेश शुक्ला, आशीष वाघ, मोहित छाबड़ा और संजय ग्रोवर द्वारा निर्मित इस फिल्म आशुतोष राणा, संजय मिश्रा जैसे कलाकार भी नजर आएंगे।