देहरादून के किमाड़ी क्षेत्र में बच्चे को मारने वाला गुलदार आदमखोर घोषित

किमाड़ी क्षेत्र में बच्चे को मारने वाले गुलदार को आदमखोर घोषित कर करते हुए गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। घटना के अगले दिन सोमवार को मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिन्हा की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में गुलदार को पकड़ने के लिए आठ पिंजरे और 12 कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं। गुलदार दिखने पर पहले उसे ट्रैंकुलाइज किया जाएगा और फिर आवश्यकता पड़ने पर गोली मार दी जाएगी।

बता दें कि रविवार शाम करीब आठ बजे गलज्वाड़ी वन बीट से सटी मराड़ी गुर्जर बस्ती में गुलदार ने मीर हमजा के 10 वर्षीय बेटा डेरे से बाहर लघुशंका करने के लिए गया था। इस दौरान झाड़ियों में घात लगाकर बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। चीखने पर बच्चे के पिता मीर हमजा अन्य ग्रामीण बाहर आए और गुलदार के जबड़े से बच्चे को छुड़ाने का प्रयास किया। भीड़ के पहुंचने पर गुलदार बच्चे को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। बुरी तरह घायल बच्चे को जब तक अस्पताल ले जाया जाता उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, जिन्हें स्थानीय निवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा।

स्थानीय निवासियों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। साथ ही पुलिस को शव ले जाने से भी रोका। हालांकि, बाद में पुलिस ने बस्तीवासियों को शांत कराया और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। इधर, वन विभाग और पुलिस की टीम भी देर रात तक क्षेत्र के आसपास कांबिंग की। प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून नितीशमणि त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार को भी क्षेत्र में सुबह से ही गश्त की जा रही है। तीन शिफ्ट में वन विभाग की तीन टीमें गुलदार की तलाश में जुटी हैं। इसके बाद मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिन्हा ने गुलदार को आदमखोर घोषित करते हुए गोली मारने के आदेश दिए हैं।

मलेथा में गुलदार को मारने के मामले की जांच के आदेश

टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के मलेथा गांव में गुलदार को मारने के मामले में प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव डाॅ. समीर सिन्हा ने चीफ गढ़वाल को जांच के आदेश दिए हैं। कहा, गुलदार ने किन परिस्थितियों में ग्रामीणों पर हमला किया। इन सभी पहलुओं की जांच की जाए।

वन विभाग की टीम ने 23 फरवरी को गुलदार को मार गिराया था। वन विभाग की ओर से बताया गया कि यह गुलदार दो दिन में नौ लोगों पर हमला कर चुका था। इनमें पांच महिलाएं और चार वनकर्मी शामिल थे। वन विभाग की ओर से कहा गया कि गुलदार को आत्मरक्षा में मारा गया, जबकि सोशल मीडिया में गुलदार को मारने का जो वीडियो वायरल हो रहा, उसमें आत्म रक्षा वाली बात सामने नहीं आ रही है।

ऐसे में कुछ लोगों का कहना है कि गुलदार को मारने के बजाए उसे ट्रेंकुलाइज किया जा सकता था। उधर, विधायक विनोद कंडारी का कहना है कि गुलदार को जनहित में मारा गया। गुलदार क्षेत्र में कई लोगों को घायल कर चुका था।

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