GST तोहफा, 12 लाख तक की इनकम टैक्स मुक्त तोहफा देने वाली वित्त मंत्री खुद कितना कमाती हैं?

मोदी सरकार की ओर से लगातार आम आदमी को राहत देने का काम किया जा रहा है। ये कोशिश की जा रही है कि हर तरह से टैक्स में कटौती की जाए। बजट के दौरान पहले 12 लाख तक की इनकम टैक्स मुक्त की कई।
अब जीएसटी काउंसिल के तहत GST Rate Cut का एलान किया गया। मिडिल क्लास को लगातार तोहफा देने वाली केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद कितना कमाती हैं?
कितना कमाती हैं वित्त मंत्री?
ये जानकारी Allowances and Pension of Members of Parliament Act, 1954′ में दी गई है। यहां वित्त मंत्री के साथ अन्य मंत्रियों की सैलरी का भी विवरण है। इस नियम के तहत सांसद को अपने कार्यकाल के दौरान हर महीने 1 लाख रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा मिलने वाले सभी भत्तों को जोड़कर वित्त मंत्री को हर महीने 4 लाख रुपये वेतन के रूप में दिए जाते हैं।
कितनी है कुल संपत्ति?
पीएमओ की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास कुल 1,15,38,000 रुपये की संपत्ति है। वहीं उनके पास लगभग 315 ग्राम सोना है। इसके साथ ही चांदी भी है।
मिडिल क्लास को क्या-क्या तोहफे?
सबसे पहले बजट 2025-26 में इनकम टैक्स के तहत राहत दी गई। बजट के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सालाना 12 लाख तक की इनकम को टैक्स मुक्त करने की बात की कही।
टैक्सपेयर्स को अब नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। वही जो भी टैक्सपेयर आईटीआर-1 और आईटीआर-2 के तहत इनकम टैक्स फाइल करता है, वे कभी भी नई टैक्स रिजीम से ओल्ड टैक्स रिजीम या ओल्ड टैक्स रिजीम से नई टैक्स रिजीम में ट्रांसफर कर सकता है।
इसके बाद सरकार की ओर से रेपो रेट में भी कटौती की गई है। सरकार ने ऐसा कर आम आदमी को एक और बड़ा तोहफा दिया। सरकार इस साल रेपो रेट में कई बार कटौती कर चुकी है।
रेपो रेट घटने से ब्याज दर कम होता है, जिससे आम आदमी को ईएमआई में राहत मिल जाती है। अब कल यानी 3 सितंबर को शुरू हुई जीएसटी काउंसिल में जीएसटी में कटौती की जा चुकी है।
GST Reforms के तहत कई वस्तुओं पर टैक्स कटौती हुई है। एक तरह से मोदी सरकार की ओर से हर तरफ से टैक्स को लेकर राहत दी है। GST Reforms के तहत तीन नई तरह की टैक्स स्लैब शुरू की गई है। New GST Slab के तहत अब जीएसटी में तीन तरह की कैटेगरी होगी। इनमें 5%, 18% और 40% को शामिल किया गया है। इन तीनों कैटेगरी में अलग-अलग वस्तुओं को रखा गया है।