GST के साथ बदलने जा रहा लॉटरी का बड़ा खेल, राज्यों की बढ़ेगी कमाई

GST लागू होने के बाद देश के कई राज्यों में चल रही लॉटरी सिस्टम पर बड़ा असर पड़ने जा रहा है. जीएसटी काउंसिल ने सरकार को अपनी लॉटरी चलाने के लिए 12 फीसदी का टैक्स स्लैब तय किया है. वहीं प्राइवेट लॉटरी पर 28 फीसदी स्लैब रखा है. इस फैसले से एक बार साफ है कि यदि किसी राज्य को अपना राजस्व बढ़ाना है तो वह निजी कंपनियों को लॉटरी चलाने की अनुमति दे जिससे वह ज्यादा से ज्यादा टैक्स वसूल अपने राजस्व में इजाफा कर सकें.

GST के साथ बदलने जा रहा लॉटरी का बड़ा खेल, राज्यों की बढ़ेगी कमाई

मौजूदा समय में देश में लॉटरी और गैंबलिंग पर कुछ प्रतिबंध हैं. इसके लिए केन्द्र सरकार का लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 मौजूद है जिसके आधार पर देश के सभी राज्य और केन्द्र शाषित प्रदेश लॉटरी के लिए अपना कानून बना सकते हैं. इस एक्ट के आधार पर देश में कई राज्य समय-समय पर लॉटरी आयोजित करते हैं वहीं कुछ राज्य ऑनलाइन लॉटरी खेलने की मंजूरी भी देते हैं.

गौरतलब है कि देश में गोवा, पंजाब, सिक्किम और महाराष्ट्र सरकार लॉटरी के खेल आयोजित कराती है. इस खेल में उक्त राज्य में रहने वाले 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हिस्सा ले सकते हैं. जहां कई राज्य अभी तक लॉटरी के इस खेल में कारोबार पर टैक्स नहीं लगाते हैं और उसकी कमाई इनाम पाने वालों से वसूले जा रहे इनकम टैक्स के जरिए होती है.

केन्द्र सरकार का अनुमान है कि देश में लॉटरी का कुल कारोबार लगभग 50,000 करोड़ रुपये है. इस खेल के जरिए राज्य सरकारें अपने राजस्व को बढ़ाने की कोशिश करते हैं. जहां पहले निजी अथवा सरकारी लॉटरी पर कोई सर्विस टैक्स नहीं लगता था अब जीएसटी के तहत इससे राज्य सरकारों को बड़ा मुनाफा होगा. किसी भी राज्य में लॉटरी संचालक से 28 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा वहीं इनाम पाने वाले से इनकम टैक्स के जरिए कमाई अलग से होगी.

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हालांकि, केन्द्र सरकार के इस फैसले से लॉटरी कारोबारी को ज्यादा झटका लगा है. लॉटरी कारोबारियों को मानना है कि जीएसटी में फ्लैट टैक्स से उनके कारोबार को नुकसान होगा और सिर्फ सरकार की कमाई बढ़ेगी. देश के सबसे बड़े ऑनलाइन लॉटरी कंपनी प्लेविन का मानना है कि सरकार को लॉटरी के खेल में फेसवैल्यू पर टैक्स लेने के बजाए कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन पर टैक्स लगाना चाहिए. इंडस्ट्री के मुताबिक लॉटरी के खेल में तीन हम पहलू हैं, पहला, सरकार का टैक्स, दूसरा इनाम की राशि और तीसरा कंपनी का प्रॉफिट. लिहाजा, इसे सर्विस मानते हुए जीएसटी में टैक्स लगाने से सिर्फ सरकार की कमाई बढ़ेगी और कारोबारियों को कम प्रॉफिट में संतोष करना पड़ेगा.

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