GST कटौती का बड़ा असर, टैक्स संग्रह में भारी उछाल, ऑटोमोबाइल बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि

केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती का सकारात्मक असर दिख रहा है। अक्टूबर 2025 में जीएसटी संग्रह 1.96 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष से 4.6% अधिक है। त्योहारी मांग और ऑटोमोबाइल बिक्री में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी कटौती से कई क्षेत्रों में मांग बढ़ी है। कुल मिलाकर, जीएसटी राजस्व में 9% की वृद्धि हुई है।

केंद्र सरकार ने सितंबर 2025 में जीएसटी की दरों में जिस उद्देश्य से कटौती की थी, वह हासिल होता दिख रहा है। दरों में कटौती से घरेलू मांग के बढ़ने के संकेत हैं, जो अर्थव्यवस्था की अंदरुनी ताकत को भी बता रहा है।

वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में जीएसटी संग्रह 1.96 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 1.87 लाख करोड़ रुपये से 4.6 प्रतिशत अधिक है। त्योहारी मांग और सितंबर में की गई जीएसटी दरों में कटौती के बावजूद यह वृद्धि आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार को दर्शाती है। इसी बीच दरों में कटौती से देश में आटोमोबाइल बिक्री की भी रिकार्ड बिक्री हुई है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ ही दिन पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि जीएसटी दरों में कटौती से एफएमसीजी, इलेक्ट्रानिक्स, उपभोक्ता सामान और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में मांग की मजबूती के संकेत मिल रहे हैं।

अक्टूबर में सकल जीएसटी संग्रह में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि, यह चालू वित्त वर्ष में अब तक की सबसे कम वृद्धि है। लेकिन जीएसटी दरों में कटौती के बावजूद इस वृद्धि को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अक्टूबर 2024 में जीएसटी संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा था और इसमें वार्षिक आधार पर 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

यानी जीएसटी संग्रह की वृद्धि दर पर असर हुआ है, जिसकी उम्मीद भी थी। इस वर्ष अक्टूबर का जीएसटी संग्रह का आंकड़ा त्योहारी सीजन की बिक्री और दबी हुई मांग (पेंट-अप डिमांड) के प्रभाव को दर्शाता है। उपभोक्ताओं ने अपनी खरीदारी का फैसला टाल रखा था, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषणा की थी कि दिवाली से पहले जीएसटी दरें घटाई जाएंगी।

हालांकि, दर कटौती नवरात्र की शुरुआत से लागू की गई। उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सितंबर में जीएसटी 2.0 सुधारों के तहत 375 वस्तुओं पर दरों में कमी की गई थी। करों में कटौती से खानपान सामग्री, इलेक्ट्रानिक्स और आटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में कीमतें कम हुई। परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं ने त्योहारी सीजन में जोरदार खर्च किया।

अप्रैल-अक्टूबर 2025 में कुल जीएसटी राजस्व 13.89 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि से नौ प्रतिशत प्रतिशत अधिक है। वैसे कुछ विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि दर कटौती के बाद रिफंड के दावों में तेज वृद्धि हो सकती है। इसका असर आने वाले महीनों के आंकड़ों पर दिखाई देगा।

डाटा के अनुसार, अक्टूबर में रिफंड वार्षिक आधार पर 39.6 प्रतिशत बढ़कर 26,934 करोड़ रुपये रहा है। इस प्रकार, रिफंड के बाद पिछले महीने शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा है और इसमें वार्षिक आधार पर 0.2 प्रतिशत की वृद्धि रही है।

जीएसटी उत्सव धमाके के साथ अक्टूबर संग्रह 1.96 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा, जो त्योहारी गति और बेहतर अनुपालन की बदौलत अर्थव्यवस्था की ताकत भी दिखाता है। वैसे एक तथ्य यह भी है कि निर्यात पर दबाव और रिफंड बढ़ने की स्थिति का सामना भी आने वाले महीनों में करना होगा, इससे सरकार को सतर्क रहना होगा।

मारुति ने रिकार्ड 2.20 लाख वाहन बेचे, टाटा की बिक्री 27 प्रतिशत बढ़ीइसी बीच, प्रमुख आटोमोबाइल कंपनियों के बिक्री आंकड़ों ने भी घरेलू मांग की सकारात्मक तस्वीर पेश की है। मारुति सुजुकी ने अक्टूबर में कुल 2,20,894 इकाइयों की बिक्री की है। यह कंपनी की ओर से अब तक किसी भी एक महीने में बेचे गए वाहनों की सबसे ज्यादा संख्या है। दूसरे स्थान पर टाटा मोटर्स रही है जिसकी वाहन बिक्री 27 प्रतिशत बढ़कर 74,705 इकाई रही।

हुंडई मोटर इंडिया ने कुल 57,392 वाहनों की बिक्री की। इसमें एसयूवी माडल क्रेटा और वेन्यू की जोड़ी की मिलकर 30,119 इकाइयां बेची हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा की घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री 31 प्रतिशत बढ़कर 71,624 इकाई रही है। दूसरी कंपनियों के आंकड़े भी उत्साहजनक हैं। दोपहिया क्षेत्र में हीरो मोटोकार्प, टीवीएस मोटर, बजाज आटो और रायल एनफील्ड ने भी मजबूत प्रदर्शन किया है।

टीवीएस ने 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ रिकार्ड बिक्री दर्ज की, जबकि बजाज की कुल बिक्री आठ प्रतिशत बढ़कर 5.17 लाख इकाई रही है। यह आंकड़े जीएसटी दरों में कटौती के बाद उपभोक्ता विश्वास में आई तेजी को प्रतिबिंबित करते हैं।

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