GREAT : बेटी के करियर को संवारने के लिए पिता ने अपने सपने किए कुर्बान

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की फर्राटा चैंपियन अवंतिका की कहानी

लखनऊ : चंदा ने पूछा तारों से, तारों ने पूछा हजारों से, सबसे प्यारा कौन है?.. पापा, मेरे पापा। आपने यह गाना जरूर सुना है, जहां पिता अपने बच्चों के लिए अपनी खुशियां कुर्बान कर देते है। अगर इन पंक्तियों की सार्थकता देखनी हो तो आपको खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 की फर्राटा चैंपियन अवंतिका नराले से मिलना होगा। अवंतिका ने सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी की ओर से खेलते हुए यूनिवर्सिटी खेलो इंडिया गेम्स के अंतर्गत गुरू गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज के सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक पर सोमवार को आयोजित 100 मी.दौड़ का स्वर्ण पदक 11.68 सेकेंड का समय निकालते हुए जीता। इस वर्ग में दूसरे स्थान पर शिवाजी यूनिवर्सिटी की सुदेशना हनमंत शिवा और तीसरे स्थान पर पंजाबी यूनिवर्सिटी की कमलजीत कौर रही। अवंतिका ने जीत के बाद अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता व कोचेज को दिया। अवंतिका अगर खेलों की दुनिया में आगे बढ़ पा रही है तो इसके उनके माता-पिता का काफी अहम रोल है।

दरअसल अवंतिका के पिता संतोष नराले ने अपनी बेटी को खेल में आगे बढ़ा सके, इसलिए अपने कॅरियर को उन्होंने तिलांजलि दी। अब बेटी जहां भी जाती है, वो अपनी बेटी का ख्याल रखने के लिए उसके साथ ही जाते है ताकि बेटी अपना पूरा ध्यान निश्चित होकर अपने खेल पर लगा सके। अवंतिका के घर का खर्चा उनकी मां को होने वाली आय से चलता है। अवंतिका की माता श्रीमती अरुणा पुणे में किड केयर सेंटर का संचालन करती है और उनके ऊपर ही अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी है। हालांकि माता-पिता इसलिए खुश है कि उनकी बेटी एथलेटिक्स में नाम कमाकर उनकी कुर्बानियों का फल दे रही है। उनके माता-पिता ने बस इतना सा सपना देखा है कि उनकी बेटी आने वाले समय में एथलेटिक्स में इतना आगे बढ़ जाये कि एशियाड और ओलंपिक में देश का परचम लहरा सके। अवंतिका ने एशियन यूथ गेम्स-2019 में 100 मी.में स्वर्ण पदक जीता था और साथ में नेशनल रिकार्ड के साथ 200 मी.का स्वर्ण पदक जीता था। वह वर्ल्ड जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।

पिछले छह साल से एथलेटिक्स का अभ्यास कर रही अवंतिका वर्तमान में संजय पाटेंकर सर से कोचिंग ले रही है। वहीं सुधाकर जी भी उनके कोच रहे है। अवंतिका के बारे में कोच संजय पाटेंकर बताते है कि वो काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी है और उसमें प्राकृतिक तौर पर एक कामयाब एथलीट के सारे गुण है। हालांकि उसका रास्ता काफी संघर्ष भरा रहा है लेकिन मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में वो एथलेटिक्स के क्षितिज पर चमकने में कामयाब होगी। अवंतिका ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 के आयोजन की जमकर सराहना की और कहा कि यहां हमारा काफी ख्याल रखा गया है और इस आयोजन से प्रेरित होकर कई नये खिलाड़ी खेल को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

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