रेलवे के लिए सरकार ने खोल दिया खजाना

सरकार ने रेलवे के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट दिया है। रेलवे को मजबूत बनाने और नई सुविधाएं लाने के लिए सरकार ने 2,62,200 करोड़ रुपए कैपेक्‍स के तौर पर दिए हैं। ग्रॉस बजटरी सपोर्ट 2,52,200 करोड़ रुपए है। यह रकम 2023-24 के बजट में 2.40 लाख करोड़ रुपए थी। सरकार का लक्ष्य है कि अमृत भारत एक्सप्रेस जैसी ज्यादा से ज्यादा पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाएं। बजट का बड़ा हिस्सा सेफ्टी के लिए जाएगा। 1,08,000 करोड़ से पुराने ट्रैक्स, सिग्नलिंग, कवच, रेल के पुल बनाने में लगेंगे।

इसके साथ ही वंदे मेट्रो और वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें भी जल्द ही पटरियों पर दौड़ती नजर आएंगी। वंदे मेट्रो कम दूरी के सफर के लिए होगी, जबकि वंदे भारत स्लीपर लंबी दूरी और रात की यात्रा के लिए होगी। इस बजट में स्वदेशी तकनीक से बने ‘कवच’ सिस्टम पर भी जोर दिया गया है, जो ट्रेनों की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।

आर्थिक सर्वे 2023-24 के मुताबिक, पिछले पांच सालों में रेलवे पर पूंजीगत व्यय में 77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में जहां यह खर्च 1.48 लाख करोड़ रुपए था, वहीं 2023-24 में बढ़कर 2.62 लाख करोड़ रुपए हो गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल 2023-24 में करीब 673 करोड़ यात्रियों ने ट्रेन में सफर किया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 5.2 फीसदी अधिक है।

देश के 6,108 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा शुरू की गई है। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच के डिजिटल अंतर को कम करने में मदद मिलेगी।

10 साल का कैसा रहा है र‍िकॉर्ड?

पिछले 10 वर्षों में रेलवे ने 31,180 ट्रैक किलोमीटर चालू किए। ट्रैक बिछाने की गति 2014-15 में 4 किमी प्रति दिन से बढ़कर 2023-24 में 14.54 किमी प्रति दिन हो गई। 2014-2024 के दौरान रेलवे ने 41,000 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है। जबकि 2014 तक केवल 21,413 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया था। क्षमता वृद्धि, उच्च घनत्व नेटवर्क की भीड़ कम करना, देश में लॉजिस्टिक लागत में कमी लाना, यात्री अनुभव और उनकी सुरक्षा को बढ़ाना सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं।

रेलवे को म‍िला बूस्‍ट: अश्विनी वैष्‍णव

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि इस बजट से रेलवे को बूस्ट मिला है। रेलवे लो इनकम मिडिल क्लास की सवारी है। अभी जनरल ट्रेवल की डिमांड बढ़ी है। 700 करोड़ लोगो ने रेल से ट्रेवल किया है। चालू वित्त वर्ष में 2500 जनरल कोच के निर्माण का फैसला लिया गया। बाद में 10000 कोच का निर्णय लिया गया आज बजट में इसका सैंक्शन हुआ। कवच 4.0 का भी अप्रूवल हुआ है। UPA के दौरान 4,11,000 रेलवे नौकरियां दी गईं। मोदी सरकार ने 20% ज्‍यादा 5,00,000 नौकरियां रेल में दी। रेलवे में जॉब का एनुअल कैलेंडर बना है। इस वर्ष करीब 39,000 रेलवे जॉब दी जाएंगी।

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