दिल्ली सरकार की खर्च एवं वित्त समिति ने एक ही फाउंडेशन पर मेट्रो ट्रैक और फ्लाइओवर बनाने की योजना को दी मंजूरी

दिल्ली सरकार की खर्च एवं वित्त समिति ने मंगलवार को एक ही फाउंडेशन (नीव ) पर मेट्रो ट्रैक और फ्लाइओवर बनाने की योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत यह प्रयोग मौजपुर-मजलिस पार्क मेट्रो कारिडोर के भजनपुरा व यमुना विहार के बीच किया जाएगा। इस योजना के तहत ऊपरी भाग में मेट्रो चलेगी और निचले भाग में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का फ्लाइओवर होगा। इस निर्माण के लिए समिति ने 220.10 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी। इस प्रयोग से सरकार को करीब 180 करोड़ की बचत होगी। दिल्ली में इस तरह का यह पहला प्रयोग होने जा रहा है। पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस तरह का प्रयोग वजीराबाद में भी किए जाने की योजना है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कम समय, कम खर्च और कम जगह के साथ तैयार होने वाला ये प्रोजक्ट खुद में अनूठा है जो दिल्ली के विकास में गेम चेंजर साबित होगा।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी साझा की कि यह 1457 मीटर लंबा 20 मीटर चौड़ा छह लेन का फ्लाइओवर होगा जो दो कासिंग – करावल नगर (यमुना विहार व भजनपुरा) और घोंडा चौक (बृजपुरी) को कवर करेगा। उन्होंने कहा कि इन जगहों पर यातायात की समस्या को खत्म करने व वर्तमान सड़क की क्षमता को बढ़ाने में ये प्रोजक्ट काफी मददगार सिद्ध होगा। इस प्रोजक्ट से न केवल जनता के टैक्स के पैसों की बचत होगी बल्कि सघन आबादी वाले इस क्षेत्र में जमीन का भी बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा। उन्होंने बताया कि ये प्रोजक्ट दो साल के भीतर पूरा हो जाएगा जिससे आस-पास के क्षेत्र की जनता को लंबे यातायात जाम से नहीं जूझना पड़ेगा।  

इस तरह बचेगी 180 करोड़ की राशि

मेट्रो रेल और पीडब्ल्यूडी के इस संयुक्त प्रयास से फ्लाइओवर के निर्माण में लगभग 140 करोड़ रुपये और मेट्रो के निर्माण में 40 करोड़ रुपये की बचत होगी।इस तरह पीडब्लूडी और मेट्रो के साझा प्रयास से कुल 180 करोड़ रुपयों की बचत होगी।इसी तरह पहले नागरिक उपयोगी सेवाएं (यूटिलिटीज) को स्थानांतरित करने के साथ फ्लाइओवर के निर्माण की लागत 359.70 करोड़ रुपये थी, लेकिन इंटीग्रेटेड डिजाइन के कारण ये लागत लगभग 140 करोड़ रुपये कम होकर 220.10 करोड़ रुपये रह गई है। इसी तरह 1457 मीटर की मेट्रो लाइन की लागत भी 105 करोड़ रुपये थी, जो घटकर 67 करोड़ रुपये रह गई है, इससे लगभग 40 करोड़ रुपये बचेंगे।

एनएसयूटी में छह इमारतों के निर्माण के लिए 230.61 करोड़ रुपये की मंजूरी

दिल्ली सरकार की खर्च एवं वित्त समिति ने नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) में छह अत्याधुनिक भवनों के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है।ये भवन 230.61 करोड़ की लागत से तैयार होंगे। मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या 2006-07 से 2000 छात्रों से बढ़कर 2020-23 सत्र में तीन गुणा बढ़कर 7700 हो गई है। नई इमारतें बनने के बाद विश्वविद्यालय में छात्रों की बढ़ी हुई संख्या के अनुसार सुविधाएं देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उच्च स्तर इंजीनियरिंग और टेक्नोलाजी के क्षेत्र में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए और विद्यार्थियों को व‌र्ल्ड क्लास सुविधाएं देने के लिए विश्वविद्यालय में नए स्ट्रक्चरर्स का होना बेहद जरूरी है। विश्वविद्यालय में चौथे चरण की इस परियोजना में पांच मंजिला छह इमारतें बेसमेंट सहित शामिल हैं। इन नई इमारत के बन जाने के बाद विश्वविद्यालय में 3900 नए छात्र जुड़ पाएंगे।

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