गोंडा : ढेमवा मार्ग के निर्माण की बाधा दूर करेंगे आईआईटी के विशेषज्ञ
अयोध्या-लखनऊ मार्ग पर सोहावल से गोंडा जिले को जोड़ने वाले ढेमवा घाट पुल की सड़क दो साल पहले बाढ़ में बह गई थी। सड़क का निर्माण अभी तक नहीं हो सका है। इसके लिए 42 करोड़ के बजट की मांग पीडब्ल्यूडी ने की थी। साल 2023 से प्रस्ताव शासन से स्वीकृत नहीं हुआ। अब सड़क के निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के विशेषज्ञों की टीम को जिम्मेदारी दी गई है। टीम ने मंगलवार को कटान स्थल का निरीक्षण कर परिस्थितियों को परखा।
अयोध्या-लखनऊ हाइवे से नवाबगंज को जोड़ने के लिए सरयू नदी पर ढेमवा घाट पर 167 करोड़ से पुल का निर्माण वर्ष 2016 में हुआ था। नवाबगंज से पुल तक सड़क का निर्माण हुआ था। साल 2022 में सरयू नदी में उफान से कटान की चपेट में सड़क आ गई और सड़क कई स्थानों पर कट गया। इससे पुल तक पहुंचने का रास्ता ही बंद हो गया। पुल निर्माण की कवायद में नदी का रुख अड़ंगा बन गया। शासन स्तर पर बजट की मांग पर सवाल खड़े हो गये, कि निर्माण के बाद सड़क आगे चलकर बाढ़ में कैसे सुरक्षित रहेगा। कारण नदी का रुख सड़क की तरफ ही है। इससे सड़क निर्माण दो सालों से फंसा है।
बीते दिनों जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की समीक्षा की। लखनऊ में सीएम से दो बार मिलकर तरबगंज विधायक प्रेमनरायन पांडेय ने ढेमवा घाट पुल की मरम्मत और सड़क के दुरुस्तीकरण की मांग की थी। इसके अतिरिक्त सांसद करणभूषण सिंह और एमएलसी अवधेश सिंह मंजू ने भी ढेमवा घाट का मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री ने आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की टीम से रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया। इसके बाद अब आईआईटी की टीम ने मंगलवार को मौके का निरीक्षण किया। इससे अब इस मार्ग के निर्माण की उम्मीद जगी है।
तीन स्थानों पर मिला कट, नदी के रुख को भी परखा
आईआईटी रुड़की की टीम ने ढेमवा मार्ग का निरीक्षण किया। कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह भी रहे। विशेषज्ञों ने नदी के रुख का अध्ययन करने के साथ ही सड़क की स्थिति को भी देखा। मॉडल स्टडी की रिपोर्ट तैयार कर टीम जल्द ही रिपोर्ट देगी। इसके बाद सड़क निर्माण का खाका नये सिरे से तैयार होगा। विशेषज्ञाें ने संकेत दिया कि सड़क का प्रस्ताव इस तरह तैयार होगा कि बाढ़ की कटान का प्रभाव कम से कम रहे। आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ प्रो. एसी पांडेय, डॉ. धीरज के साथ मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी अवधेश शरण चौरसिया, अधीक्षण अभियंता लालजी, अधिशासी अभियंता वीके त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता (बाढ़ खंड) जय सिंह आदि रहे। विशेषज्ञों ने अधिकारियों से भी वार्ता कर हर पहलू की जानकारी की।
पूरी होगी निर्माण की प्रक्रिया
आईआईटी विशेषज्ञों की टीम ने सड़क निर्माण के लिए अध्ययन किया है। उनकी रिपोर्ट के आधार प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। इसके साथ ही निर्माण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। -वीके त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता, लोनिवि