गोंडा: बांध से सटकर बह रही सरयू, खतरा

 सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 14 सेंटीमीटर ऊपर रुक गया है। नदी के घटते-बढ़ते क्रम में लगातार उठ रहे मसीना (जल प्रवाहित चक्रवात) से कटान बहुत अधिक होने लगी है। जो आने वाले दिनों में तटबंध पर खतरा संकट बढ़ गया है। अधिकांश स्थान पर सरयू नदी एल्गिन-चरसड़ी बांध से सटकर बह रही है।


जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अधिकारियों को सतर्क किया गया है। वहीं करनैलगंज क्षेत्र में तटबंध के जिन स्थानों पर नदी सटकर बह रही है, वहां पत्थर से पिचिंग कर कर बांध को मजबूत किया गया है। जिस स्थान पर मौजूदा समय में नदी की कटान तेजी से हो रही है और नदी का रुख सीधे बांध की तरफ है। लगातार उठ रहे मसीना से फसल लगे खेत करार लेकर धड़ाधड़ नदी में समाहित होते जा रहे हैं। इस वर्ष नदी की कटान देख किसानों के होश उड़ गए हैं।

किसान रामपाल, शिवगोपाल, मथुरा प्रसाद, रामगोपाल, नकछेद, शिवबालक आदि का कहना है कि इस तरह की कटान से खेत नदी में समा जा रहे हैं। लगातार नदी में उठ रहे मसीनों की रफ्तार रोकने के लिए तमाम तरीके के पेड़ काट कर डाले गए। पत्थर-बोल्डर डाले गए मगर मसीना नहीं रुका रहा। जिसका खामियाजा बाढ़ के रूप में भुगतना पड़ रहा है।


माझा रायपुर, बहुवन मदार माझा के पास मौजूदा समय में कटान तेज है। वहीं माझा रायपुर, परसावल, कमियार, बेहटा, पारा गांव पूरी तरह चारों तरफ पानी से गिरे हुए हैं। वहां की अधिकांश आबादी बांध या सुरक्षित स्थानों पर है। सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 14 सेंटीमीटर ऊपर है।


वहीं, बुधवार को करीब तीन लाख 27 हजार क्यूसेक पानी सरयू में विभिन्न बैराजों का छोड़ा गया है। जो बृहस्पतिवार को एल्गिन पर पहुंचना शुरू होगा। जिससे नदी का जलस्तर बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। सहायक अभियंता अमरेश सिंह और अवर अभियंता रवि वर्मा का कहना है कि नदी खाली पड़ी जमीन या खेतों की जमीन को काट रही है और बांध तक अभी नदी दूर है। फिलहाल निगरानी की जा रही है।

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