गोंडा: गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान दंगा-फसाद में नौ दोषियों को 10 साल की सजा

अपर जिला एवं न्यायाधीश-4 की अदालत ने सांप्रदायिक दंगे के दौरान बल्वा, मारपीट, पत्थरबाजी, आगजनी व जानलेवा हमले में दोषी नौ अभियुक्तों को 10 साल कारावास और 22 हजार छह सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार 23 सितंबर 2015 को कोतवाली नगर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक शिवपति सिंह ने कोतवाली में केस दर्ज कराया कि रात 10 बजे गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए जाते समय जुलूस शहर के डिप्टी मस्जिद के पास पहुंचा तो वहां दोनों ओर गली में इकट्ठा भीड़ में से किसी ने जुलूस पर पत्थर फेंक दिया।

इससे जुलूस में शामिल लोग उत्तेजित हो गए और जनता व पुलिस टीम के ऊपर ईंट-पत्थर फेंकने लगे, जिसमें कई लोगों को चोटें आईं। उग्र लोगों ने दुकानों व वाहनों में आग लगा दिया। देखते ही देखते घटना ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया। पुलिस कर्मियों ने मौके पर मौजूद अमित वर्मा, मंटू वर्मा व जमील निवासी मोहल्ला राधाकुंड, शमीम शेख उर्फ ताज निवासी अहिरान, लल्ला निवासी महराजगंज, मो. तारिक व सादिक निवासी रिकाबगंज को गिरफ्तार कर लिया। जबकि लगभग 250 लोग ईंट पत्थर चलाते हुए मौके से भागने में सफल रहे।

विवेचना के दौरान मारपीट, बल्वा, सरकारी कार्य में बाधा, आगजनी, जान से मारने की धमकी, हत्या के प्रयास सीएलए एक्ट के अपराध का पुख्ता साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। ट्रायल के दौरान अपराध का संदेह से परे साक्ष्य मिलने पर अदालत ने सभी अभियुक्तों को दोषी करार किया।

बृहस्पतिवार को निर्णय सुनाते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-चतुर्थ राम दयाल ने दोषसिद्ध अभियुक्त अमित वर्मा, मंटू वर्मा, जमील, शमीम शेख, लल्ला, मो. तारिक, सादिक, श्रवण और राहुल कश्यप को 10-10 साल सश्रम कारावास व 22600-22600 रुपये अर्थदंड से दंडित किया।


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