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गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी लाने के जिलाधिकारी ने दिये निर्देश

गोण्डा- सोमवार को जिलाधिकारी डॉ नितिन बंसल ने कलेक्ट्रेट सभागार में गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा की तथा निर्देश दिए कि किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी लाई जाय।

समीक्षा बैठक में ज्ञात हुआ कि जनपद में बजाज चीनी मिल कुन्दुरखी का गन्ना मूल्य भुगतान प्रतिशत अन्य चीनी मिलों की अपेक्षा सबसे कम है। जिला गन्ना अधिकारी ओ0.पी0 सिंह ने बताया कि गन्ना सत्र 2019-2020 में जनपद की तीनों चीनी मिलों द्वारा अब तक कुल गन्ना मूल्य के सापेक्ष 66.20 प्रतिशत मूल्य का भुगतान कर दिया गया है।

जिसमें मनकापुर चीनी मिल द्वारा 88.77 प्रतिशत, मैजापुर मिल द्वारा 86.96 प्रतिशत तथा बजाज चीनी मिल कुन्दुरखी द्वारा 32.17 प्रतिशत मूल्य का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि मैजापुर चीनी मिल द्वारा 02 अप्रैल 2020 तक, मनकापुर चीनी मिल द्वारा 20 अप्रैल 2020 तक तथा कुन्दुरखी बजाज चीनी मिल द्वारा 30 दिसम्बर 2019 तक की गन्ना खरीद का मूल्य भुगतान किया गया है।

उन्होंने बताया कि जनपद में तीनों चीनी मिलों को मिलाकर अब तक 57151.18 लाख रूपए का भुगतान हुआ है तथा 29175.23 लाख रूपए का भुगतान अभी किया जाना शेष है। जिला गन्ना अधिकारी द्वारा बैठक में यह भी बताया गया कि पेराई सत्र 2018-19 में किसानों के गन्ना मूल्य, 806 करोड़ रूपए का शत-प्रतिशत भुगतान हो चुका है।

उन्होंने बताया कि बीते पेराई सत्र 2019-20 में कुल 357.42 लाख कुन्टल गन्ने की खरीद हुई जो कि पिछले पेराई सत्र से 25 लाख कुन्टल अधिक रही है। बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट वन्दना त्रिवेदी, जिला गन्ना अधिकारी ओ0पी0 सिंह, बजाज चीनी मिल के यूनिट हेड एस0बी0 सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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वालीबॉल प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

वजीरगंज-गोण्डा- शशिधर पाण्डेय महामंत्री किसान मजदूर सेना के द्वारा में ग्राम सभा नैपुर वजीरगंज में अवधराज पाण्डेय व दीनानाथ पाण्डेय के नेतृत्व में नैपुर ग्राम वासियों के सौजन्य से वालीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। किसान मजदूर सेना के महामंत्री ने सभी खिलाड़ियों को मास्क वितरित कर खिलाड़ियों से परिचय किया।

इस मौके पर ग्राम प्रधान नाहर सिंह सहित अरूणोदय तिवारी, विजेंद्र पाठक सहित तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान दैहिक दूरी का पालन किया गया एवं विश्व विख्यात कोरोना महामारी से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया गया।

तेज धूप और गर्मी के बावजूद बैंकों के बाहर भारी भीड़, टूट रहे सारे नियम

परसपुर गोण्डा- शासन व प्रशासन द्वारा लगातार कोरोना महामारी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। सोशल डिस्टेंस व मास्क ये दोनों अनिवार्य कर दिए गए हैं। इसके बावजूद जनता पूरी तरह से खतरों की खिलाड़ी बनकर हर नियम और दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ा रही है। सोमवार को परसपुर क्षेत्र में बैंकों के बाहर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहाँ बैंक परिसर के अन्दर से लेकर बाहर तक भारी भीड़ जमा हुई थी।

तेज धूप और गर्मी भी लोगों को हटाने में नाकामयाब रहे। जहाँ दो दिन की छुट्टी के बाद लोग अपना लेन देन का सारा काम एक ही दिन में निपटाने को आतुर दिखे वहीं बैंक कर्मचारियों व अन्य जिम्मेदारों की लापरवाही भी खुलकर सामने आई। इतनी भीड़ के बावजूद भी कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आया। वहीं तमाम लोगों ने बैंककर्मियों पर भी बार बार दौड़ाने व दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।

प्राथमिक विद्यालय हुआ जलमग्न, अंदर जाना हुआ दुश्वार

कटरा बाजार गोण्डा- परिषदीय स्कूलों में शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने के लिए भारी भरकम बजट खर्च किया जा रहा है। सरकार इन स्कूलों में कान्वेंट जैसी पढ़ाई देने का दावा कर रहीं हैं। कई स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की योजनाएं भी फाइलों में हैं। यूनीफार्म, पुस्तकें, बैग, मिड डे मील आदि पर करोड़ों का बजट प्रतिवर्ष खर्च हो रहा है, इसके बाद भी यह विद्यालय मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायतों के भरोसे हैं।

शिक्षा विभाग के पास स्कूलों को सुविधा संपन्न बनाने के लिए बजट नहीं है। बरसात में क्षेत्र के कई स्कूूूलों में जलभराव इस कदर हो जाता है कि कई दिनों के लिए बच्चों की पढ़ाई बंद करनी पड़ती है व अध्यापक दीवाल कूदकर विद्यालय में आने के लिए मजबूर हो जाते हैं। ऐसा ही एक नजारा विकास खंड कटरा बाजार की ग्राम पंचायत माधवपुर के राजस्व गाँव भगवानपुर में देखने को मिला जहाँ पर भगवानपुर के प्राथमिक विद्यालय प्रांगण का तल रोड से नीचा होने के कारण बरसात में यहां जलभराव हो जाता है।

इससेे शिक्षकों को गंदे पानी से होकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। बरसात के बाद धूप में कीचड़ और दुर्गंध से संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ रहा है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अशोक कुमार तिवारी ने बताया इस समस्या की जानकारी हुई है इस निचले प्रांगण में मिट्टी का पटाई करवा दिया जाएगा।

पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा

स्कूल परिसर में बरसात के कई दिन बाद भी अभी जलभराव है, जहां गंदे पानी, दुर्गंध के बीच प्रेशर हैंडपंप लगा है। जिस पर बच्चे और शिक्षक पानी पीने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। इस लिए उन्हें स्कूल से बाहर लगे नलों का सहारा लेना पड़ रहा है।

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