गोंडा: ‘जय श्रीराम’ बोलने पर गए थे जेल, 31 वर्ष से लगा रहे कचहरी के चक्कर…

भगवान श्रीराम का नाम लेना शिव प्रकाश तिवारी को महंगा पड़ गया था। पुलिस ने भाजपा से जुड़े होने के बावजूद उन्हें 13 दिसंबर 1992 को बजरंग दल का कार्यकर्ता दिखाकर जेल भेज दिया। 15 दिन बाद जमानत मिलने पर वह घर लौटे।
साथ में जेल गए लोगों के मुकदमे तो वापस हो गए लेकिन, वह अब भी कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि राम का नाम लेना यदि गुनाह है तो वह मैं रोज करता हूं। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होना किसी बड़े सपने के साकार होने से कम नही है।
भगवान श्रीराम को लेकर सभी में था उत्साह
सभी के मुकदमे हो गए वापस, मैं लगा रहा कचहरी का चक्कर तरबगंज के विशुनपुर निवासी शिव प्रकाश तिवारी ने बताया कि छह दिसंबर 1992 बाबरी मस्जिद की घटना होने के बाद विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय वह युवा होने के साथ ही भाजपा से जुड़े थे। भगवान श्रीराम को लेकर हर किसी में उत्साह था।
पुलिस कारसेवा में जाने वाले लोगों के साथ ही विहिप, बजरंग दल व आरएसएस के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए ढूंढ़ रही थी। जय श्रीराम का नाम लेने व अयोध्या की चर्चा करने पर पुलिस उन्हें 13 दिसंबर को घर से पकड़ा और बजरंग दल का कार्यकर्ता दिखाकर जेल भेज दिया। 15 दिन उन्होंने गोंडा के जिला कारागार में गुजारे, इसके बाद जमानत मिली।
सभी के मुकदमे वापस हो गए लेकिन वो लगा रहे कचहरी के चक्कर
शिव प्रकाश तिवारी ने बताया, उनके साथ गोंडा व बलरामपुर के करीब 200 लोग जेल गए थे। उनके साथ गोंडा व बलरामपुर के आठ लोग शामिल थे। सभी के मुकदमे वापस हो गए लेकिन, वह आज भी कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं। एमएलसी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र – एमएलसी अवधेश कुमार उर्फ मंजू सिंह ने भाजपा कार्यकर्ता पर लगा मुकदमा वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर 1992 को पुलिस ने फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया था, बाद में उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर सैकड़ों लोगों के मुकदमे वापस हो गए थे लेकिन, शिव प्रकाश तिवारी के ऊपर मुकदमा अभी भी चल रहा है। एमएलसी ने मुकदमा वापस लेने की मांग की है।
भगवान श्रीराम का नाम लेना शिव प्रकाश तिवारी को महंगा पड़ गया था। पुलिस ने भाजपा से जुड़े होने के बावजूद उन्हें 13 दिसंबर 1992 को बजरंग दल का कार्यकर्ता दिखाकर जेल भेज दिया। 15 दिन बाद जमानत मिलने पर वह घर लौटे।
साथ में जेल गए लोगों के मुकदमे तो वापस हो गए लेकिन, वह अब भी कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि राम का नाम लेना यदि गुनाह है तो वह मैं रोज करता हूं। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होना किसी बड़े सपने के साकार होने से कम नही है।
भगवान श्रीराम को लेकर सभी में था उत्साह
सभी के मुकदमे हो गए वापस, मैं लगा रहा कचहरी का चक्कर तरबगंज के विशुनपुर निवासी शिव प्रकाश तिवारी ने बताया कि छह दिसंबर 1992 बाबरी मस्जिद की घटना होने के बाद विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय वह युवा होने के साथ ही भाजपा से जुड़े थे। भगवान श्रीराम को लेकर हर किसी में उत्साह था।
पुलिस कारसेवा में जाने वाले लोगों के साथ ही विहिप, बजरंग दल व आरएसएस के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए ढूंढ़ रही थी। जय श्रीराम का नाम लेने व अयोध्या की चर्चा करने पर पुलिस उन्हें 13 दिसंबर को घर से पकड़ा और बजरंग दल का कार्यकर्ता दिखाकर जेल भेज दिया। 15 दिन उन्होंने गोंडा के जिला कारागार में गुजारे, इसके बाद जमानत मिली।
सभी के मुकदमे वापस हो गए लेकिन वो लगा रहे कचहरी के चक्कर
शिव प्रकाश तिवारी ने बताया, उनके साथ गोंडा व बलरामपुर के करीब 200 लोग जेल गए थे। उनके साथ गोंडा व बलरामपुर के आठ लोग शामिल थे। सभी के मुकदमे वापस हो गए लेकिन, वह आज भी कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं। एमएलसी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र – एमएलसी अवधेश कुमार उर्फ मंजू सिंह ने भाजपा कार्यकर्ता पर लगा मुकदमा वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर 1992 को पुलिस ने फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया था, बाद में उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर सैकड़ों लोगों के मुकदमे वापस हो गए थे लेकिन, शिव प्रकाश तिवारी के ऊपर मुकदमा अभी भी चल रहा है। एमएलसी ने मुकदमा वापस लेने की मांग की है।