गोंडा: बारिश से बुरा हाल, घर से निकलना भी मुश्किल…
तेज हवाओं के साथ बृहस्पतिवार रात दस बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से शहर से गांव तक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शुक्रवार सुबह तेज बारिश से सड़कों पर सन्नाटा रहा। शहर के गली-मोहल्लों में पानी भरा रहा। 30 घंटे की लगातार बारिश से शहर से गांव तक जलभराव हो गया। सड़कों, गलियों व स्कूलों में पानी भर गया। तेज हवा चलने से धान-मक्का के साथ ही गन्ने की फसलें गिर गईं। वहीं, नदियों के जलस्तर में एक बार फिर उफान शुरू हो गया है।
बारिश के चलते धान व गन्ने की करीब सात फीसदी फसलें गिरी हैं। इससे किसानों को नुकसान हुआ है। तरबगंज के सिगहाचंदा गांव में फसल गिरने से 25-30 प्रतिशत पैदावार घटने की संभावना है। किसानों का कहना है कि यदि बारिश न रुकी तो गन्ने की फसल गिरने के साथ धान की फसल सड़ जाएगी। धान की फसल के फली व फूल तेज हवा और बारिश में गिरने से पैदावार में काफी कमी आने की संभावना है। वजीरगंज के मैनपुर के किसान रामउजागर दुबे ने बताया कि 17 बीघे धान की फसल जमीन पर गिरने से नुकसान हुआ है। छपिया के किसान रामजी, राजू, मदन व बभनजोत के साधुराम, तीरथ व राममनोहर आदि ने फसल नुकसान पर चिंता जताई है।
करनैलगंज, मनकापुर, नवाबगंज क्षेत्र में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। गोंडा-उतरौला हाईवे पर सिसऊर अंदूपुर के पास पेड़ गिर गया, जिससे करीब चार घंटे तक आवागमन बाधित रहा। वन विभाग की टीम ने पेड़ हटवाकर आवागमन बहाल कराया। बृहस्पतिवार रात भारी बारिश के बीच पांडेय टिकरी निवासी दरोगा पांडेय (90) टिनशेड गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गए। सीएचसी में उनका उपचार कराया गया। बेलसर में ब्लाॅक, सीएचसी के साथ ही कस्बे में जलभराव रहा।
छपिया थाना क्षेत्र के एक गांव में बारिश के दौरान दो घरों पर बिजली गिरने से शॉर्ट-सर्किट हो गया। इससे लाखों रुपये कीमत के बिजली के उपकरण जलकर राख हो गए। क्षेत्र के भोपतपुर बाजार निवासी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि घर के पीछे अमरूद के पेड़ पर बिजली गिरने से शाॅर्ट-सर्किट हुआ, इससे घर में इलेक्ट्रानिक का सामान जल गया। भोपतपुर बाजार में ही संचालित के एक कंप्यूटर संस्थान पर बिजली गिरी। संचालक दीपक ने बताया कि पूरी वायरिंग जल गई है।
बृहस्पतिवार को पूरी रात बारिश होती रही लेकिन स्कूल बंद करने को लेकर अधिकारी कोई निर्णय नहीं ले सके। शुक्रवार सुबह जिले के आठवीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए। इसकी सूचना आठ बजे के बाद दी जा सकी। जिससे बारिश में बच्चों के साथ ही शिक्षकों को भी परेशानी उठानी पड़ी। मौसम विभाग की ओर से शनिवार को भी सतर्क किया गया, इसके बाद भी अधिकारियों ने देर शाम तक कोई निर्णय नहीं लिया।