गोंडा: विकास कार्याें को लेकर कटरा नगर पंचायत में विवाद

नगर पंचायत कटराबाजार में एक बार फिर 15 में से 13 सभासद लामबंद हो गए हैं। शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर नगर पंचायतों में अध्यक्ष व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार, मनमानी अभद्रता जैसे गंभीर आरोप लगाकर जांच कराकर कार्रवाई के साथ प्रशासक की तैनाती करने की मांग की है। इससे पहले बैठक के दौरान सभासदों को सार्वजनिक तौर पर ईडियट कहने के बाद मामला गर्मा गया था। अधिकारियों के हस्तक्षेप व माफी मांगने के बाद मामला ठंडा हुआ था।

13 सभासद अशफाक खां, मैशरनिशा, अमरमणि त्रिपाठी, रविंद्र कुमार, इनायत अली, विमला देवी, नीलम, नेहा देवी, साजिद अंसारी, ओमप्रकाश, राजेशकुमारी, सरोज जायसवाल, कुसुम देवी ने शिकायत की है। उनका कहना है कि 23 जून को अध्यक्षा ने बैठक बुलाई। जिसमें सभी सदस्यों से रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराया गया। जिसमें कोई परियोजना लिखी नहीं थी। आरोप लगाया कि बाद में कर्मचारियों की मिलीभगत से मनमानी तरीके से परियोजना दर्ज कर लिया गया।

आरोप लगाया कि नगर पंचायत में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारी उनके रिश्तेदार व उनके घर के हैं। बिना काम कराएं ही उनको घर बैठे सैलरी दी जा रही है। इतना ही नहीं दिसंबर माह में बिना सभासदों को बताए निर्माण कार्य के लिए अपने चहेतों को टेंडर दिया। जिसपर अभी तक कोई कार्य नही शुरू हुआ है। सत्र 2023-24 में 45 परियोजना का टेंडर ऑफलाइन कराया गया है। नगर पंचायत में तैनात कर्मचारी जनता के कार्यों का निस्तारण नहीं करते हैं और ना ही सभासदों को जानकारी उपलब्ध कराते हैं। काफी दिनों से तैनात कर्मचारियों का स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

आरोप निराधार
लगाए जा रहे आरोप सरासर निराधार हैं। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है। गलत ढंग से कार्य करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है जो संभव नहीं है।

  • शमा परवीन, नगर पंचायत अध्यक्ष

टेंडर में नहीं हुई मनमानी
नगर पंचायत में जो भी टेंडर हुए हैं उनको कागजी कार्रवाई के बाद ही किया गया है। विकास कार्य के लिए जो भी टेंडर हुआ है उसमें किसी प्रकार की कोई मनमानी नहीं की गई है। सभासदों को जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।

  • धनुषधारी सिंह, ईओ, कटराबाजार

यह हैं सभासदों के मुद्दे
23 जून के बाद से बोर्ड की बैठक न करना, मनमाने ढंग से प्रस्ताव और सफाईकर्मी की तैनाती करना, करीबियों को नौकर देना, बिना मानक के अनुरूप वेतन देना, चुनावी भेदभाव को लेकर पुराने कर्मचारियों को बैठाने जैसी शिकायतें की हैं। साथ ही चारों गांवों की समस्याओं को लेकर बिना कार्य कराए पैसों की निकासी करना, एक ही नल को महीने में चार बार ठीक कराना, स्ट्रीट लाइट की खरीदारी में मनमानी करना, जैसे तमाम मुद्दों में पारदर्शिता लाने के लिए सभासदों के संज्ञान में कार्यों को कराने की भी मांग की है।

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