सोने-चांदी की कीमतों में तेजी जारी, चेक करें लेटेस्ट प्राइस

भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में बुधवार को 300 रुपये की तेजी आई। इससे यह 89,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी वैश्विक बाजारों में मजबूती और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के कारण देखी गई। इससे पहले मंगलवार को सोना 89,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 20 फरवरी को सोना अब तक के अपने रिकॉर्ड स्तर 89,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर कमोडिटी एनालिस्ट सौमिल गांधी के अनुसार, “बुधवार को सोने की कीमतों में लगातार तीसरे दिन बढ़ोतरी हुई। इसकी प्रमुख वजह सुरक्षित निवेश की ओर रुझान और अमेरिकी डॉलर में नरमी है, जिससे पीली धातु को समर्थन मिला है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने नया टैरिफ लगाया है। उसके जवाब में कनाडा और चीन ने भी कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया है। इससे ट्रेड वॉर तेज होने की आशंका बढ़ गई है। इस स्थिति में निवेशकों का झुकाव सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ रहा है, जिससे सोने की मांग में इजाफा हुआ है।
चांदी की भी बढ़ी चमक
सोने की तरह ही चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल आया। मंगलवार को 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद होने के बाद, चांदी बुधवार को 1,000 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 99,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। वहीं, एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर अप्रैल डिलीवरी के लिए सोने के वायदा भाव 38 रुपये बढ़कर 86,064 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए।
वैश्विक बाजारों में भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई। अप्रैल डिलीवरी के लिए गोल्ड फ्यूचर्स 0.18% बढ़कर 2,926 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। हालांकि, स्पॉट गोल्ड 2,917.72 डॉलर प्रति औंस पर लगभग स्थिर बना रहा।
गोल्ड पर एक्सपर्ट की राय
कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी-कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला ने बताया कि “सोना 2,925 डॉलर प्रति औंस के करीब ट्रेड कर रहा है। लेकिन इसकी तेज बढ़त सीमित हो सकती है क्योंकि अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटकनिक ने कनाडा और मैक्सिको के लिए संभावित टैरिफ राहत का संकेत दिया है। अगर इस पर सहमति बनती है और शुल्क में कटौती होती है, तो सोने की कीमतों पर दबाव आ सकता है।
“उन्होंने आगे कहा कि निवेशक प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के सेवा पीएमआई डेटा और अमेरिका के निजी रोजगार आंकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बारे में संकेत मिल सकते हैं। वहीं, एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी (कमोडिटी और करेंसी रिसर्च एनालिस्ट) जतिन त्रिवेदी के अनुसार, अमेरिकी नौकरियों से जुड़े अहम आर्थिक आंकड़ों जैसे ADP नॉन-फार्म एम्प्लॉयमेंट और नॉन-फार्म पेरोल्स पर भी निवेशकों की नजर रहेगी, जिससे बुलियन बाजार की दिशा तय होगी।