चांदी के आगे गोल्ड की चमक पड़ी फीकी, 3 दिन में 3200 रुपए तक बढ़े दाम

गुरुवार को दिल्ली में भले ही गोल्ड की कीमत में 250 रुपए की कटौती देखने को मिली हो लेकिन चांदी की कीमत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में चांदी की कीमत में पिछले तीन सत्रों में 3200 रुपए का इजाफा हो चुका है। अगर बात गोल्ड की करें तो गुरुवार को यहां सोने की कीमत में 250 रुपए की कटौती देखने को मिली। जबकि इससे पहले गोल्ड की कीमत में 1100 रुपए से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला था। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर गोल्ड और चांदी की कीमत कितनी हो गई है?

दिल्ली में सोने की कीमत में गिरावट, चांदी की कीमतों में वृद्धि

सोने की कीमतः दिल्ली में सोने की कीमत गुरुवार को 250 रुपए की कमी के साथ 74,350 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गई।
चांदी की कीमत: चांदी की कीमत में 2,000 रुपए की तेजी आई, जिससे यह 87,000 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। पिछले सत्र में चांदी की कीमत 85,000 रुपए प्रति किलोग्राम थी।

हालिया बदलाव: चांदी की कीमतों में पिछले तीन सत्रों में 3,200 रुपए से अधिक की मजबूती देखी गई है।

सोने का अन्य मानक: 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 250 रुपए गिरकर 74,000 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जबकि इसका पिछला बंद भाव 74,250 रुपए प्रति 10 ग्राम था।

पिछले 3 कारोबारी सत्र में में सोने-चांदी का भाव
मंगलवार (10 सितंबर) को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 600 रुपए बढ़कर 74,100 रुपए प्रति 10 ग्राम पर थी, जबकि चांदी की कीमत भी 700 रुपए बढ़कर 84,500 रुपए प्रति किलोग्राम पर थी।
बुधवार (11 सितंबर) को सोने का भाव 500 रुपए बढ़कर 74,600 रुपए प्रति 10 ग्राम था, जबकि चांदी की कीमत 500 रुपए बढ़कर 85,000 रुपए प्रति किलोग्राम थी।
गुरुवार (12 सितंबर) को सोने का भाव 250 रुपए की गिरावट के साथ 74,350 रुपए वहीं चांदी की कीमत 2,000 रुपए की तेजी के साथ दो सप्ताह के उच्चस्तर 87,000 रुपए पर थी।

विशेषज्ञों की राय
चांदी की मजबूती: कारोबारियों का कहना है कि चांदी की कीमतों में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में वृद्धि देखने को मिली है, जो मजबूत औद्योगिक मांग के कारण है।

विश्लेषक की टिप्पणी
कोटक सिक्योरिटीज के कमोडिटी रिसर्च एवीपी, कायनात चैनवाला के अनुसार, कॉमेक्स सोना 2,558 डॉलर प्रति औंस के साप्ताहिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था लेकिन महंगाई रिपोर्ट के बाद इसमें गिरावट आई। इस गिरावट का कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में मामूली कटौती की संभावनाओं के अनुरूप बाजार की धारणा का समायोजन है।

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