गोवा जाने का कर रहे हैं प्लान ,तो ज़रूर जान लें यात्रा से जुड़ी नई कोविड ट्रेवल गाइडलाइन्स
भारत में कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के पाए जाने के बाद कई राज्यों में चिंता बढ़ गई है। वैक्सीन के खिलाफ इसकी प्रभावकारिता के कारण नए संस्करण को लेकर चिंता बढ़ी है। भारत ने एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा कड़ी की है, ऐसे में अगर आप भी गोवा जाने की तैयारी में हैं, तो जान लें डोमेस्टिक हों या अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए पूरी गाइलाइन्स।
अंतरराष्ट्रीय यात्री
एयरपोर्ट पर पहुंचने पर APHO द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। यात्रियों को सेल्फ डेक्लारेशन फॉर्म भरना होगा जो हवाई अड्डे के स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिखाना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स के तहत विदेश से आ रहे यात्रियों के लिए कोविड टेस्ट ज़रूरी है। उच्च-जोखिम वाले देश, जिनमें यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़राइल शामिल हैं, से आने वाले यात्रियों को अतिरिक्त जांच से गुज़रना होगा।
1. आने पर कोविड-19 टेस्ट के लिए सैम्पल देना, जिसमें टेस्ट की कीमत यात्री को ही देनी होगी। ऐसे यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाइट लेने या फिर एयरपोर्ट से बाहर जाने से पहले अपने टेस्ट के परिणाम का इंतज़ार करना होगा।
2. अगर टेस्ट में यात्री नेगेटिव पाए जाते हैं, तो उन्हें घर पर ही 7 दिनों के लिए क्वारेंटीन करना होगा। फिर 8वें दिन दोबारा टेस्ट किया जाएगा। अगर वे एक बार फिर नेगेटिव आते हैं, तो उन्हें 7 दिनों तक अपनी सेहत को मॉनिटर करना होगा।
3. अगर कोई यात्री टेस्ट में पॉज़ीटिव पाया जाता है, तो उसे आइसोलेशन फैसिलिटी में ले जाया जाएगा, जहां उनका प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जाएगा। साथ ही जो लोग इन पॉज़ीटिव लोगों के संपर्क में आए हैं, उन्हें भी क्वारेंटीन किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए 30 नवंबर 2021 को स्वास्थ्य मंत्रायल द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, जो यात्री गैर-जोखिम वाले देशों से आ रहे हैं, उनकी पहचान संबंधित एयरलाइनों द्वारा की जाएगी और आगमन पर हवाई अड्डे पर उन्हें परीक्षण से गुज़रना होगा।
इस टेस्ट की कीमत ख़ुद यात्री को देनी होगी। अगर यह यात्री कोविड पॉज़ीटिव पाए जाते हैं, तो उन्हें प्रोटोकॉल के तहत मैनेज किया जाएगा। 5 साल से कम उम्र के बच्चों का यात्रा से पहले और बाद में टेस्ट नहीं किया जाएगा। हालांकि, अगर उनमें कोविड-19 के लक्षण देखे गए, तो उनकी भी टेस्टिंग की जाएगी और प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज होगा।