विधायक को मारपीट केस में फरार बताया, कोर्ट ने लौटाया चालान

भिंड। अटेर के खेरी गांव में कल्याण सिंह जाटव से हुई मारपीट के केस में पुलिस ने अटेर के कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे को आरोपी बनाया है। पुलिस ने बुधवार को कोर्ट में विधायक को फरार बताते हुए चालान पेश किया। कमियां देख कोर्ट ने चालान वापस कर दिया।

विधायक को मारपीट केस में फरार बताया, कोर्ट ने लौटाया चालान मारपीट के केस की जांच अटेर एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया कर रहे थे। विधायक कटारे ने पिछले दिनों रेत के मामले में लेनदेन का वीडियो वायरल होने पर अटेर एसडीओपी को हटाने की मांग की थी। अब विधायक को आरोपी बनाने की बात सामने आने से राजनीति गर्मा गई है। एसपी प्रशांत खरे का कहना है उनकी बिना अनुमति के चालान पेश किया गया है। वे पूरे मामले की जांच करा रहे हैं।

यह है पूरा मामला

खेरी गांव निवासी कल्याण सिंह जाटव के साथ करीब तीन माह पहले गांव के कुछ लोगों ने मारपीट की। अटेर पुलिस ने आरोपी सामान्य जाति के होने से एससी-एसटी एक्ट में कायमी की। इस एक्ट के लगने से मामले की जांच अटेर एसडीओपी इंद्रवीर भदौरिया को दी गई। अटेर एसडीओपी ने जांच में अटेर के कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे को सह आरोपी बनाया। इतना ही नहीं पुलिस ने अटेर विधायक को फरार बताते हुए बुधवार को जिला न्यायालय के विशेष न्यायालय में चालान पेश करवा दिया।

पुलिस की डायरी में कमियां देखकर जज ने चालान वापस कर दिया। बताया जाता है कि चालान पेश हुआ तब अटेर एसडीओपी कोर्ट परिसर में मौजूद थे, लेकिन अभी यह बात पूरी तरह से पुष्ट नहीं हो पाई है। अटेर एसडीओपी से बात करने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया तो उनका फोन कवरेज एरिया से बाहर था।

वहीं जिस तरह से इस मामले को लेकर पुलिस के आला अफसर बचते नजर आ रहे हैं, उससे कांग्रेस के कई लोग यह कह रहे हैं कि पुलिस ने फर्जी तरीके से विधायक को आरोपी बनाया है। विधायक को पुलिस या एसडीओपी की ओर से कभी कोई नोटिस या सूचना नहीं दी गई और उन्हें फरार बताते हुए चालान पेश किया जा रहा था।

यहां बता दें कि एसडीओपी अटेर इंद्रवीर भदौरिया को अटेर उप चुनाव के दौरान हेमंत कटारे की शिकायत के बाद दूसरे पुलिस अधिकारियों के साथ हटाया गया था, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें दोबारा अटेर में एसडीओपी पदस्थ किया गया था। ताजा मामला हाल में सामने आए रेत के मामले के वीडियो को लेकर था, जिस पर विधायक कटारे ने अटेर एसडीओपी को हटाने की मांग की थी।

इनका कहना है

कोर्ट में चालान तो पेश हुआ था, लेकिन उसमें मेरी परमिशन नहीं ली गई। अटेर थाना प्रभारी की ओर से भी चालान पेश नहीं किया गया। अटेर एसडीओपी इस मामले की जांच कर रहे थे, लेकिन अभी वे छुट्टी पर हैं। विधायक को किन तथ्यों से आरोपी बनाया है और चालान कैसे पेश किया गया, इसकी पड़ताल करवा रहे हैं।

प्रशांत खरे, एसपी, भिंड

मेरे पिता ने देश के सबसे बड़े व्यापमं घोटाले को उजागर किया था। उसी के बदले में मुझ पर यह झूठा केस दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री की साजिश है।

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