लड़कियों को यहां शादी में दी जाती है बियर, जानें इसके पीछे का ये बड़ा कारण

आजकल दुनिया में शादियों में दुल्हन को दहेज देकर विदा किया जाता है और इस दहेज में लाखो करोड़ो रुपयो का सामान दिया जाता है। लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहां दुल्हन को दहेज में सिर्फ बीयर दी जाती है जी है छत्तीसगढ़ के बस्तर में दुल्हन को दहेज में बीयर दी जाती है। यह बीयर बाजार से खरीदकर नहीं लाई जाती बल्कि सल्फी नाम के पेड़ से निकलने वाले रस से तैयार की जाती है।

सल्फी का पेड़ बस्तर के लिए विशेष महत्व रखता है। जानकारी के अनुसार सल्फी के एक पेड़ को एक एकड़ खेत के बराबर माना जाता है। वहीं जिसकी बेटी नहीं होती है उसके बाद उस व्यक्ति के भांजे को वह सल्फी का झाड़ देने की भी बस्तर के कुछ क्षेत्रों में उत्तराधिकार की परंपरा बरसो से चली आ रही है।

स्लफी का पेड़ 9 से 10 वर्ष के बाद रस देना शुरू करता है। इसकी ऊंचाई 40 फुट तक जाती है। जब सल्फी के पेड़ से निकलने वाला रस बासी होने लगता है तो उसमें नशा होने लगता है। इसलिए इसे देसी बीयर कहा जाता है।

कुछ समय से बस्तर के सल्फी के पेड़ अचानक सूखते जा रहे हैं। बस्तर में आदिवासी आय के साधन वाले सल्फी के पेड़ों के सूखने से चिंतित हैं।

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