जर्मनी की ‘बुध बाज़ार’ में बिक रहा था रहस्यमय हिंदू दस्तावेज़, शख्स ने खरीदकर इंटरनेट पर डाला

आप जब किसी खुली बाज़ार में जाते हैं तो आपको बहुत सी अलग-अलग चीज़ें मिल जाती हैं. ऐसी बाज़ार सिर्फ भारत में ही नहीं लगती बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों के छोटे-बड़े शहरों में लगती है. यहां पर घर की छोटी-मोटी चीज़ों से लेकर कई बार कुछ महत्वपूर्ण चीज़ें भी मिल जाती हैं, जिनके बारे में इसे बेचने वाला भी नहीं जानता है. कुछ ऐसा ही हुआ जर्मनी में रह रहे एक शख्स के साथ.

शख्स जर्मनी के हैमबर्ग में एक खुली बाज़ार में गया. ठीक वैसी ही बाज़ार जिसे हम बुध,शनि, सोम और मंगल बाज़ार के नाम से जानते हैं. उसे यहां पर एक हिंदू दस्तावेज़ मिला, जिसे वो पहचान नहीं पाया लेकिन उसे वो रहस्यमय लग रहा था. शख्स ने इसकी पहचान के लिए इंटरनेट पर इसकी फोटो डाल दी, तब जाकर दस्तावेज़ की सच्चाई सामने आ सकी.

खुली बाज़ार में बिक रहा था हिंदू दस्तावेज़!
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक जर्मन शख्स ने बताया कि उसे हैमबर्ग की खुली बाज़ार में उसे एक रहस्यमयी दस्तावेज़ मिला है. इस पर देवनागरी या संस्कृत में कुछ लिखा हुआ है. उसने दो पुराने और पीले पड़ गए पेज़ों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि कोई इसे पहचान सकता है क्या? उसने खासतौर पर इंडियन यूज़र्स को एड्रेस करते हुए कहा कि आप इसे देखकर बता सकते हैं कि ये क्या चीज़ है?

भारतीयों ने झट से पहचान लिया
जैसे ही इंडियन रेडिट यूज़र्स ने इस दस्तावेज़ को देखा, उन्होंने पहचान लिया कि ये कुछ और नहीं बल्कि हिंदू पंचांग है. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी बताया कि पंचांग वाराणसी के भार्गव प्रेस से प्रिंस हुआ है, जिसे पंडित नवल किशोर भार्गव चलाते थे. ये कम से कम 150-180 साल पुराना है. एक यूज़र ने तो ये भी बताया कि वे उनके पूर्वज है. जर्मन आदमी को इतनी जानकारी मिलने के बाद उसने लोगों को धन्यवाद किया और पूछा कि क्या ये महंगा है? लोगों ने बताया कि ये महंगा तो नहीं है लेकिन इसका महत्व ज़रूर है.

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