मिशन 2019: ये दो महिला दिग्गज नेता बिगाड़ेंगी अमित शाह का पूरा खेल!

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2019 के आम चुनावों में 300 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखते हुए चुनावी बिगूल फूंक दिया है. चुनाव से लगभग 18 महीने पहले इस बिगुल से साफ है कि बीजेपी के सामने चुनौती न सिर्फ उन राज्यों में है, जहां उसे मिल रहा वोट शेयर सीट में तब्दील नहीं हो रहा बल्कि उन राज्यों में भी है जहां शीर्ष वोट शेयर के साथ-साथ वह विपक्ष को धूल चटाने में सफल हुई थी.मिशन 2019

इसके चलते पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के लिए जहां 42 लोकसभा सीटों वाला पश्चिम बंगाल अहम है, वहीं 80 सीटों वाला उत्तर प्रदेश भी रणनीति के केन्द्र में है. इन दोनों राज्यों में अमित शाह का सामना ममता बनर्जी और मायावती से है और इन दोनों में से एक को मात देकर ही बीजेपी अपने लक्ष्य को पूरा कर सकती है.

बंगाल के प्रभारी से शाह ने मांगे 1.5 करोड़ वोट

अमित शाह ने 2019 के आम चुनावों में जीत को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल के प्रभारी को 1.5 करोड़ वोट बटोरने का टारगेट दिया है. यदि बीजेपी 2019 में राज्य से 1.5 करोड़ वोट पाती है तो राज्य के चुनावों में उसका वोट शेयर बढ़कर 28-30 फीसदी तक पहुंच जाएगा. इस वोट शेयर के चलते अमित शाह को पश्चिम बंगाल से 2019 में कम से कम 28-32 सीट पाने की उम्मीद है.

अभी अभी: रोहिंग्या मुसलमानों पर हुआ होश उडा देने वाला खुलासा, समुद्र के रास्ते भारत में…!

यूपी में बीजेपी का एकछत्र राज्य

इसके उलट उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए बीते चुनाव बेहद अहम रहे. पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मोदी लहर के चलते विपक्षी क्षेत्रीय पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया. यहां 2017 विधानसभा चुनावों में बीजेपी को लगभग 40 फीसदी वोट शेयर के साथ 403 में से 312 सीट मिलीं. वहीं 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 42 फीसदी वोट शेयर के साथ 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी. दूसरी ओर मायावती को लोकसभा चुनावों में 20 फीसदी वोट शेयर मिला लेकिन एक भी सीट जीतने में उनकी पार्टी सफल नहीं हुई. और 2017 के विधानसभा चुनावों में वह 22 फीसदी वोट शेयर के साथ महज 19 सीट जीत पाई.

यूपी में जीत ने पैदा की चुनौती

उत्तर प्रदेश के चुनावों में इस प्रदर्शन के बाद बीजेपी की चुनौती इसे 2019 में कायम रखने की है. वहां मिल रहा वोट शेयर और जीत में तब्दील होने वाली सीट उसके लिए शीर्ष पर हैं. उत्तर प्रदेश के इन आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि राज्य में बीजेपी सबकुछ जीत चुकी है और 2019 में उत्तर प्रदेश में उसके सामने सिर्फ अपनी जीत को बचाने की चुनौती है. यानी राज्य में उसके पास पाने के लिए कम और गंवाने के लिए ज्यादा है.

माया-ममता में से एक को देनी होगी पटखनी

2019 में 2014 के आम चुनावों का आंकड़ा बरकरार रखने के लिए बीजेपी के लिए जरूरी है कि उसे उत्तर प्रदेश से होने वाले किसी भी संभावित नुकसान की भरपाई पश्चिम बंगाल से करने में सफलता मिले. यानी 2019 में बीजेपी को 300 सीट का लक्ष्य पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मायावती और ममता में से एक को पटखनी देना जरूरी है. वहीं माया और ममता अपनी जमीन पर पकड़ के सहारे 2019 में करिश्माई आंकड़ा पाने में सफल होती हैं तो तय है कि बीजेपी को लक्ष्य तक पहुंचाने का अमित शाह का गणित पूरी तरह खराब हो जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button