दूसरी तिमाही (Q2) में GDP ग्रोथ -7.5%, भारत में मंदी के आसार

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बाद 27 नवंबर को दूसरी बार जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े आ गए हैं. फाइनेंशियल ईयर 2020-21 की पहली तिमाही में ग्रोथ 23.9% नेगेटिव में रही थी, जिसके मुकाबले दूसरी तिमाही में ग्रोथ रिकवर होकर -7.5% रही है.

कोरोना संकट के बाद लगे लॉकडाउन का बहुत बुरा असर हमारी इकनॉमी पर देखने को मिला था. लेकिन लॉकडाउन के खुलने के बाद आर्थिक गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी और ऑटो सेल्स, कोर सेक्टर डेटा, एनर्जी कंज्म्प्शन, मैन्यूफैक्चिरिंग PMI जैसे पैमानों के आधार पर इकनॉमी ने रिकवरी देखी. उम्मीद की जा रही थी कि ये तेजी जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों में भी दिखेगी. एक्सपर्ट और ब्रोकिंग हाउसेज का भी अनुमान था कि दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ करीब -8% के आसपास रह सकती है.

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GDP ग्रोथ को लेकर ये था अनुमान

ब्लूमबर्ग के इकनॉमिस्ट के किए हुए सर्वे के मुताबिक भारत की जीडीपी ग्रोथ -8.2% के करीब रह सकती है.

CNBC-TV18 के इकनॉमिस्ट्स के पोल के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ -8.9% रह सकती है. बता दें कि बीते फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में ये आंकड़ा 4.4% था.

केयर रेटिंग्स का भी अनुमान है कि फिस्कल ईयर 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी के आंकड़े -9.9% के आसपास रह सकते हैं.

ICRA का अनुमान है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में ग्रोथ -9.5% के करीब रह सकती है. ब

बैंक ऑफ अमेरिकी के मुताबिक भारत की इकनॉमी दूसरी तिमाही में 7.8% नेगेटिव रह सकती है.

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