एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और गैंगस्टर युवराज सिंह के बीच मुठभेड़ में गैंगस्टर को किया गया गिरफ्तार
जीरकपुर में शनिवार को एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) और गैंगस्टर युवराज सिंह उर्फ जोरा के बीच मुठभेड़ में गैंगस्टर को गिरफ्तार कर लिया गया। गनीमत रही कि मुठभेड़ के दौरान एआइजी संदीप गोयल गैंगस्टर की गोली से बाल-बाल बचे। उन्होंने बुलेटप्रूफ जैकेट पहनी हुई थी। ढकौली स्थित होटल एलप्स में गैंगस्टर युवराज सिंह होटल में फर्जी तौर पर रमजान मलिक के नाम की आइडी पर रुका था। वह पंजाब के हलवारा का रहने वाला है।
8 जनवरी से कर रही थी युवराज कि तलाश
मुठभेड़ में युवराज को तीन गोलियां लगी हैं। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। पुलिस आठ जनवरी से युवराज की तलाश कर रही थी। इंटेलिजेंस की सूचना पर उसके जीरकपुर में होने का पता चला था। गिरफ्तार किया गया युवराज फगवाड़ा में पुलिस मुलाजिम की हत्या कर फरार था। वह होटल के रूम नंबर 105 में रुका हुआ था। सूचना के आधार पर एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीम ने शाम करीब चार बजे होटल को चारो तरफ से घेर लिया।
एआइजी संदीप गोयल, डीएसपी बिक्रमजीत बराड़ और उनकी टीम ने गैंगस्टर को सरेंडर करने के लिए कहा। मगर युवराज ने पुलिस पर तीन फायर किए। एक गोली एआइजी संदीप गोयल को लगी। लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट की वजह से उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। डीआइजी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि उसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने फायर किए।
ये है पूरा मामला
फगवाड़ा में आठ जनवरी को बदमाशों ने कुलदीप सिंह नामक कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस की टीम क्रेटा गाड़ी लूटने वाले गैंगस्टरों का पीछा कर रही थी। इस दौरान गैंगस्टरों ने गोलियां चला दी थी। पुलिस पार्टी द्वारा कार को गोराया की ओर जाते हुए देखा गया था, जिस पर पुलिस टीम ने उसका पीछा किया। पुलिस ने कार सवार गैंगस्टरों को बाहर निकलने को कहा। इस पर उन्होंने फायरिंग कर दी थी।
मामले में गिरफ्तार आरोपियों में रणजीत सिंह उर्फ जीता निवासी गांव बामनिया, पुलिस स्टेशन शाहकोट, जिला जालंधर, विशाल सोनी निवासी मंडेला कलां, पुलिस स्टेशन सदर खन्ना और कुलविंदर उर्फ किंदा निवासी हरिपुर पुलिस स्टेशन आदमपुरा शामिल थे। मगर चौथा आरोपित युवराज सिंह फरार हो गया था। डीआइजी ने बताया कि युवराज के खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
दो पिस्टल और दो कारतूस भी किए बरामद
डीआइजी गुरप्रीत भुल्लर ने बताया कि युवराज सिंह फर्जी आइडी से होटल में रुका था। उसने रमजान मलिक के नाम से होटल में कमरा लिया था। अभी पूरे रूम को चेक किया जा रहा है। उसके पास से दो पिस्टल, दो कारतूस और मौके पर चलाए गए तीन खोल बरामद हुए हैं। डीआइजी भुल्लर ने बताया कि आरोपित से आगे पूछताछ में कई आपराधिक तथ्य सामने आने की उम्मीद है। आठ तारीख को आरोपित युवराज सिंह ने अपने साथी गैंगस्टरों के साथ फगवाड़ा में एक पुलिस कर्मचारी कुलदीप सिंह की हत्या कर दी थी। तीन आरोपित पहले ही पकड़े जा चुके हैं। अब युवराज के रूप में इस मामले में चौथी गिरफ्तारी की गई है।
होटल में रुके अन्य लोगों से भी पूछताछ
होटल वाले रास्ते को किया गया सील मुठभेड़ में आरोपित को गोली लगने के बाद वहां खून बिखरा रहा। होटल के रास्ते को सील कर दिया गया। गुलमोहर होम्स के लोगों को दो घंटे तक इस रास्ते से जाने नहीं दिया गया। होटल में कुछ और गेस्ट भी रुके थे। उनसे भी पुलिस ने पूछताछ की और दहशत का माहौल रहा।
कांस्टेबल कुलदीप सिंह बाजवा के परिवार को सीएम मान ने सौंपा था दो करोड़ का चेक पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पिछले दिनों पुलिस कर्मी के पैतृक गांव गए थे। बलिदानी के सम्मान में पीड़ित परिवार को दो करोड़ रुपये के चेक सौंपे थे। उन्होंने कांस्टेबल कुलदीप सिंह बाजवा के नाम पर एक स्टेडियम बनाने और एक सड़क का नामकरण करने की भी घोषणा की थी।