इस दिन से हो रही है खाटू श्याम मेले की शुरुआत, जानिए इसके पीछे की मान्यता

माना जाता है कि जो भी खाटू श्याम जी के दरबार में अपनी मुराद लेकर पहुंचता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। खाटू श्याम जो को हारे का सहारा नाम से भी जाना जाता है। हर साल खाटू श्याम मंदिर में खाटू श्याम मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें न केवल देश बल्कि विदेश से भी लोग हिस्सा लेने पहुंचते हैं। आइए जानते हैं इसके विषय में।

यह है मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए विशेष मानी गई है। साल 2024 में फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 20 मार्च को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के मांगने पर बर्बरीक ने अपना शीश काटकर उनके चरणों में अर्पित कर दिया। तभी से श्री कृष्ण जी के आशीर्वाद से उन्हें खाटू श्याम जी के नाम से जाना जाता है।

कब लगता है मेला
इस विशेष अवसर पर खाटू श्याम मंदिर में एक मेले का भी आयोजन किया जाता है, जिसे लक्खी मेले के नाम से जाना जाता है। यह मेला फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से द्वादशी तक चलता है। इस दौरान देश के कोने-कोने से लाखों भक्त आते हैं और बाबा श्री खाटूश्याम जी के दर्शन करते हैं। वर्ष 2024 में होने वाले मेला 12 मार्च से शुरू होगा, जिसका समापन 21 मार्च को होगा।

इन दिन मनाया जाता है जन्मदिन
खाटू श्याम का जन्मदिन हर साल कार्तिक मास की एकादशी अर्थात देवोत्थान एकादशी के दिन मनाया जाता हैं। इसके पीछे यह मान्यता है कि सीकर स्थित खाटू श्याम जी के मंदिर में इसी तिथि पर खाटू श्याम जी के शीश को स्थापित किया गया था। इसलिए हर साल कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि पर भी खाटू श्याम के भक्त इनका जन्मदिन मनाते हैं। इस साल देवोत्थान एकादशी 12 नवंबर को पड़ रही है। ऐसे में भक्त इस दिन ही उनका जन्मदिन मनाएंगे।

Back to top button