पाताल लोक से पृथ्वी लोक पर आते हैं राजा महाबली

ओणम का पर्व दक्षिण भारतीय राज्यों जैसे केरल आदि में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है, जो मलयालम कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व चिंगम माह में मनाया जाता है। इसे थिरु-ओणम या थिरुवोनम (Onam 2024 Date) भी कहा जाता है। यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें अंतिम दिन, यानी थिरुवोनम, बहुत महत्व माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी कुछ खास बातें।

दस दिनों तक चलते हैं ये त्योहार (Onam 2024 significance)

ओणम की शुरुआत अथम से होती है, जो अथम नक्षत्र प्रबल होने पर मनाया जाता है। इसके बाद क्रमशः चिथिरा, चोडी, विशाखम, अनिजम, थ्रिकेटा, मूलम, पूरादम, उथ्रादम और थिरुवोनम( इस पर्व का आखिरी दिन)  मनाया जाता है।

क्या है मान्यता (Onam 2024 History)

मलयालम लोगों की मान्यताओं के अनुसार, ओणम वह दिन है जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। साथ ही इस दिन को महान सम्राट महाबली के धरती पर पुनः आगमन के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि हर साल थिरुवोनम के दिन राजा महाबली पाताल (King Mahabali) लोक से पृथ्वी लोक पर आते हैं। इस दिन को लेकर यह भी कहा जाता है कि राजा महाबली प्रत्येक मलयाली घर में जाकर अपनी प्रजा से मिलते हैं।

इस तरह मनाया जाता है पर्व (Onam 2024 Celebrations)

ओणम के खास मौके पर राजा बली के आगमन के लिए घरों को फूलों, रंगोली से सजाया जाता है और दीपक जलाए जाते हैं। साथ ही घर के आंगन में राजा महाबली की मिट्टी से बनी मूर्ति बनाई जाती है। इस दिन पारम्परिक भोज जिसे ओनसद्या कहा जाता है, उसे केले के पत्तों पर परोसना शुभ माना जाता है। लोग पारम्परिक पोशाक पहनते हैं और एक दूसरे को गले लगकर शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही इस दिन सांस्कृतिक गतिविधियां और पारंपरिक खेल जैसे नाव दौड़ और सांस्कृतिक प्रदर्शन आदि का आयोजन किया जाता है।  

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