1 अप्रैल से लागू हो रहा है ई-वे बिल, इन 10 बातों से जानिए क्या है ये नई व्यवस्था
पिछले साल जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद इसमें एक बड़ा बदलाव 1 अप्रैल से होने वाला है. 1 अप्रैल से ई-वे बिल की व्यवस्था शुरू हो जाएगी. इस नई व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. आगे समझें ई-वे बिल है क्या और इसे कब जनरेट करना होगा और किसे इसकी जरूरत पड़ेगी.
ई-वे बिल क्या है?
ई-वे बिल एक दस्तावेज है. इसे उन लोगों को हासिल करने की जरूरत है, जो 50 हजार रुपये से ज्यादा की कीमत का सामान व वस्तु ट्रांसपोर्टर के जरिये सप्लाई कर रहे हैं. वैसे तो यह एक राज्य से दूसरे राज्य में इस कीमत की वस्तु व सामान को ट्रांसपोर्ट करने के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ राज्यों में अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट के लिए भी यह अनिवार्य होगा. हालांकि 50 हजार रुपये से ज्यादा के सामान के अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था धीरे-धीरे लागू होगी.
ई-वे बिल कैसे हासिल करें?
ई-वे बिल हासिल करने के लिए आप ewaybillgst.gov.in पर पहुंच सकते हैं. अगर आप रजिस्टर्ड कारोबारी हैं और आप 50 हजार रुपये से ज्यादा का सामान कहीं भेज रहे हैं, तो आपको साइट पर पहुंचकर Part A का EWB-01 फॉर्म भरना होगा. वस्तु सप्लाई करने से पहले आपको ई-वे बिल प्राप्त करना जरूरी है. अगर सामान भेजने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड नहीं है और सप्लाई प्राप्त करने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड है, तो उसे Part A का EWB-01 फॉर्म भरना होगा. दोनों ही के रजिस्टर न होने पर, सामान की सप्लाई करने वाले ट्रांसपोर्टर को यह फॉर्म भरना होगा.
ट्रांसपोर्टर कैसे हासिल करे ई-वे बिल?
अगर कोई ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो वह जीएसटी कॉमन पोर्टल पर खुद को एनरॉल कर सकता है और अपने क्लाइंट के लिए ई-वे बिल जनरेट कर सकता है. सरकार के मुताबिक कोई भी शख्स, जो अपने सामान व वस्तु को ट्रांसपोर्ट कर रहा है, वह भी जीएसटी कॉमन पोर्टल पर पहुंचकर खुद को एनरॉल कर ई-वे बिल जनरेट कर सकता है.
ई-वे बिल के लिए जरूरी शर्त
ई-वे बिल जनरेट करने की पहली शर्त तो यह है कि कारोबारी जीएसटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो. अगर ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसका ई-वे बिल पोर्टल https://ewaybillgst.gov.in पर एनरॉल होना जरूरी है. इसके लिए उसके पास टैक्स एनवॉइस, बिल या डिलीवरी चालान और वस्तु व सामान ट्रांसपोर्ट कर रहे ट्रांसपोर्टर की आईडी होना जरूरी है. इसके साथ ही ट्रांसपोर्टर डॉक्युमेंट नंबर या व्हीकल नंबर होना जरूरी है.
ई-वे बिल में कोई गलती होती है तो क्या?
अगर ई-वे बिल में किसी भी तरह की गलती हो जाती है, तो आप उसे सुधार नहीं सकेंगे. ऐसी स्थिति में आपको जिस ई-वे बिल में गलती हुई है, उसे रद्द करना होगा और नया ई-वे बिल जनरेट करना होगा.