बनारस में साड़ी की दुकान से बेची जा रही हेरोइन और चरस का हुआ खुलासा

सिल्क की साड़ी और चादर की दुकान की आड़ में विदेशी पर्यटकों को हेरोईन, चरस और नशीले इंजेक्शन बेचे जाने का सनसनीखेज खुलासा मंगलवार को वाराणसी में हुआ है। मामले में एक साल से फरार 15 हजार के इनामी बिहार के दरभंगा निवासी देवेंद्र मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है।

उसके पास से 554 ग्राम हेरोईन, दो किलो दो सौ ग्राम चरस, 60 डिब्बा नशीला इंजेक्शन, 17 हजार रुपये, चार मोबाइल, हेरोईन रखने के रैपर और तौलने के लिए इलेक्ट्रानिक तराजू और एटीएम स्वैप मशीन बरामद हुई है।

देवेंद्र के आपराधिक इतिहास और उसके करीबियों का पता लगाने के लिए एक टीम बिहार रवाना की गई है। एसएसपी राम कृष्ण भारद्वाज ने बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह को मंगलवार की सुबह सूचना मिली थी कि शिवपुर थाने का 15 हजार का इनामी बदमाश शिवपुर रेलवे स्टेशन के आगे तड़वाबीर मंदिर पर मौजूद है। इस सूचना पर क्राइम ब्रांच प्रभारी ने शिवपुर इंस्पेक्टर पवन उपाध्याय के साथ घेरेबंदी कर देवेंद्र को गिरफ्तार किया।

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पूछताछ में देवेंद्र ने बताया कि चौक क्षेत्र स्थित नीलकंठ गली में काली माता मंदिर में अवैध कब्जा कर वह और उसका भाई सिल्क साड़ी और चादर की दुकान खोल रखे हैं। वर्ष 2013 में लखनऊ से आई नारकोटिक्स विभाग की टीम ने उसे जेल भेजा तो वह छिप कर रहने लगा।

बीते साल शिवपुर में हेरोईन की सप्लाई देने के दौरान उसके दो साथी पकड़े गए लेकिन वह भाग निकला। देवेंद्र ने बताया कि वह नेपाल और बिहार से हेरोईन और चरस लाता था। उसके पास दस एजेंट हैं जो टूरिस्ट गाइड बनकर दिन भर गंगा घाटों पर घूमते हैं और सिगरेट पीने वाले विदेशियों से संपर्क बनाते हैं।

बातचीत होने पर उन्हें अड्डे पर लाकर नशीले पदार्थ देते थे। खुद को नशीले पदार्थों का बड़ा डीलर दिखाने के लिए भुगतान एटीएम स्वैप मशीन से कराया जाता था। एसएसपी ने बताया कि आरोपी के बैंक खातों को फ्रीज कराकर एजेंटों को चिह्नित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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