पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कंगारू टीम को फटकार लगाते हुए कही ये बड़ी बात..

ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मैच 2 दिन भी नहीं खेला जा सका. दोनों टीमों के बीच ये मैच गाबा (Gabba Test) के मैदान पर खेला गया. इस बार के बाद गाबा की पिच की कड़ी आलोचना शुरू हो गई है. इस कड़ी में भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) का नाम भी जुड़ गया है. उन्होंने गाबा की पिच पर जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने दोगलापन के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम को फटकार लगाई है. 

सहवाग ने कंगारू टीम पर निकाली भड़ास

विदेशी टीमें भारत में स्पिन के खिलाफ जूझती नजर आती हैं. भारतीय पिचों पर हमेशा सवाल उठाए जाते हैं कि भारत में स्पिन फ्रेंडली पिच बनाई जाती है. लेकिन गाबा की इस खराब पिच के बाद वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘142 ओवर और 2 दिन भी नहीं चले और उनके पास पिचों की जरूरत पर ज्ञान देने की हिम्मत है. अगर यह भारत में होता, तो इसे टेस्ट क्रिकेट का अंत, टेस्ट क्रिकेट को बर्बाद करने और न जाने क्या-क्या कहा जाता. ये दोगलापन समझ से परे है.’ 

वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘त्वाडा कुत्ता कुत्ता, साड्डा कुत्ता टॉमी. हिप्पोक्रेसी की भी सीमा होती है.’ गाबा में खेले गए इस मुकाबले में दो दिनों के भीतर कुल 34 विकेट गिरे. साउथ अफ्रीका को दो पारियों में 152 और 99 रनों पर ढेर कर दिया गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 216 रन बनाने के बाद अपनी दूसरी पारी में 35/4 के संघर्ष के साथ रविवार को मैच छह विकेट से जीत लिया. ऑस्ट्रेलिया के लिए इस मुकाबले में मिचेल स्टार्क ने 5, पैट कमिंस ने 7 और बोलांड ने 4 विकेट, वहीं अफ्रीका के लिए कागिसो रबाडा ने सबसे ज्यादा 8 बल्लेबाजों को आउट किया. 

मैच के बाद पोंटिंग ने पिच की आलोचना करते हुए कहा, ‘मैंने कभी भी ऐसी ग्रीन पिच नहीं देखी.’ उन्होंने कहा, ‘मैथ्यू हेडन ने यहां मुझसे ज्यादा खेला है, और उन्होंने कभी ऐसी पिच नहीं देखी और जस्टिन लैंगर ने कहा कि उन्होंने कभी भी इसकी संभावना नहीं की थी.’ वहीं, अफ्रीका के कप्तान एल्गर ने कहा, ‘मैं स्पष्ट रूप से इस फॉर्मेट का एक समर्थक हूं, आप मैच को चार, पांच दिनों तक देखना चाहते हैं. जिस तरह से यह पुरानी गेंद के साथ कुछ गंभीर उछाल के साथ खेलना शुरू हुआ, आप एक बल्लेबाजी टीम के रूप में कुछ भी नहीं कर सकते थे. पिच ने मूवमेंट, ऊपर और नीचे और निश्चित रूप से खड़ी उछाल के साथ एक बड़ी भूमिका निभाई, जिसका सामना करना काफी मुश्किल था और आज भी पुरानी गेंद उड़ रही थी, जो वास्तव में नहीं होनी चाहिए.’

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