पहली बार 500 तहसीलदार पहुंचे भोपाल, डॉ.धर्मेंद्र सिंह चौहान बने कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के अध्यक्ष!

जबलपुर में तहसीलदार को एक मामले में कलेक्टर द्वारा सस्पेंड किए जाने के बाद प्रदेश भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर हैं। इसी बीच मध्यप्रदेश कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सेवा संघ के वर्तमान पदाधिकारियों को लेकर भी सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हुआ। इसे लेकर रविवार को प्रदेश भर के करीब 500 तहसीलदार और नायब तहसीलदार भोपाल पहुंचे यह पहली बार हो रहा है कि संघ के चुनाव में इतनी बड़ी संख्या में तहसीलदार भोपाल पहुंचे। दिन भर चली चुनाव प्रक्रिया के बाद देर शाम को डॉ.धर्मेंद्र सिंह चौहान नए अध्यक्ष और नवीन चंद्र कुंभकार वरिष्ठ उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए।

पूराने पदाधिकारियों से नाराज थे तहसीलदार
जानकारी के अनुसार संघ के पूर्व अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के कार्यकलाप से प्रदेश भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार नाराज थे उनका मानना है कि संगठन उनके लिए सही रूप में काम नहीं कर रहा है। यही वजह है कि इतनी बड़ी संख्या में भोपाल पहुंचे और नए अध्यक्ष का चुनाव कर रहे हैं। महा सम्मेलन में शामिल होने आए तहसीलदार ने बताया कि प्रदेश भर से  500 कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए हैं। एक हजार रुपए पंजीयन शुल्क के साथ अधिकारी रजिस्ट्रेशन कराया। 

अध्यक्ष के लिए 7 वरिष्ठ उपाध्यक्ष के लिए 11 उम्मीदवार
अध्यक्ष के लिए 7 और वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए 11 उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म दाखिल किए थे जिसमें अध्यक्ष के लिए डॉ.धर्मेंद्र सिंह चौहान, अमित सिंह, अनिल पटेल, शेखर चौधरी, योगिता वाजपेई,प्रदीप तिवारी, गौरीशंकर बैरवा, मनीष श्रीवास्तव, ने नामांकन दाखिल किए। हालांकि बाद में 5 लोगों ने अपने नाम वापस ले लिया।  वहीं वरिष्ठ उपाध्यक्ष के लिए 11 लोगों ने नामांकन भरा था जिसमें श्याम नंदन चंदेल, वीर बहादुर सिंह धुर्वे, डॉ.दर्शन लाल नेगी, प्रियंका नेताम, प्रदीप तिवारी, नवीन चंद्र कुंभकार, अंबर पंथी, आलोक श्रीवास्तव , नारायण नांदेड़ा, आकाश शर्मा, शिव शंकर शुक्ला शामिल थे बाद में 6 लोगों ने अपना नाम वापस ले लिया। 

ऑनलाइन वोटिंग कराकर बने थे अध्यक्ष
इधर आंदोल के बीच सोशल मीडिया ग्रुप पर आनलाइन ग्रुप पर वोटिंग से  इंदौर में पदस्थ नायब तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान को अध्यक्ष बना दिया गया था। तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के संगठन मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ की वर्तमान कार्यकारिणी ने अवैध घोषित किया था। इस बीच चौहान को अध्यक्ष पद के लिए प्रमोट करने वाले अफसरों की ओर से एक बार फिर तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बन चुके और संघ की वर्तमान कार्यकारिणी में शामिल तहसीलदारों को चुनौती दी गई।

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