कानपुर में पहली बार भूमिगत ट्रैक पर दौड़ी मेट्रो, नयागंज तक पहुंचने में लगेंगे 25 मिनट

कानपुर शहर में पहली बार शुक्रवार को भूमिगत मेट्रो ट्रैक पर चुन्नीगंज से नयागंज स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन दौड़ी। मोतीझील मेट्रो स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर दूर चार भूमिगत स्टेशनों को पार करते हुए नयागंज स्टेशन तक गई और फिर वापस हुई। इस दौरान जगह-जगह ट्रेन रोककर ट्रैक, सिग्नल, थर्ड रेल से विद्युत आपूर्ति आदि की जांच की गई। अधिकारियों ने पहला ट्रायल पूरी तरह सफल बताया गया।

करीब एक महीने तक धीरे-धीरे ट्रेन की रफ्तार बढ़ाकर ट्रायल किया जाएगा, तब तक कानपुर सेंट्रल भूमिगत स्टेशन तक भी कार्य पूरा कर यहां तक ट्रायल की कोशिश की जा रही है। इसके बाद रेलवे संरक्षा आयुक्त की हरी झंडी लेकर शहरवासियों को नवंबर से इसकी सुविधा देने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ढाई साल से आईआईटी से नौ किलोमीटर दूर मोतीझील तक नौ एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों के बीच ट्रेनों का संचालन कर रहा है। शुक्रवार दोपहर करीब 2:00 बजे मोतीझील से आगे बृजेंद्र स्वरूप पार्क होते हुए मकरावटगंज तक बने एलिवेटेड सेक्शन और वहां से भूमिगत सेक्शन में पहली बार मेट्रो चली।

कुछ देर रुकने के बाद ट्रेन ने वापसी का सफर पूरा किया
दो किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ट्रेन चुन्नीगंज भूमिगत स्टेशन पहुंची। इसके बाद नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा भूमिगत स्टेशन होते हुए ट्रेन नयागंज भूमिगत स्टेशन शाम को पहुंची। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार, निदेशक (वर्क्स एंड इंफ्रास्टक्चर) सीपी सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में ट्रेन को रोक-रोककर चलाया गया। कुछ देर रुकने के बाद ट्रेन ने वापसी का सफर पूरा किया।

ट्रैक की टेस्टिंग के दौरान सभी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया
इससे पहले यूपीएमआरसी के एमडी ने ट्रॉली से नयागंज से मोतीझील तक अप-लाइन पर बने ट्रैक का निरीक्षण किया। ट्रैक टेस्टिंग के दौरान मेट्रो की तकनीकी टीम के सभी अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे। ट्रैक में थर्ड लाइन और सिग्नलिंग का काम भी पूरा कर लिया गया है। आईआईटी से नयागंज के बीच नौ सिग्नल लगाए गए हैं। ट्रैक की टेस्टिंग के दौरान सभी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया।

नयागंज तक पहुंचने में लगेंगे 25 मिनट
मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक अभी आईआईटी से मोतीझील स्टेशन तक आने में करीब 15 मिनट लगते हैं। यह ट्रायल पूरा होने के बाद आईआईटी से नयागंज स्टेशन तक आने में करीब 22 से 25 मिनट लगेंगे।

मेट्रो ने विभिन्न चुनौतियों को पार करते हुए शहर के इतिहास में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। हमारा भूमिगत मेट्रो रूट शहर के सबसे व्यस्त इलाकों के नीचे से गुजरता है, जिससे शहर के अंदर यात्रा बहुत सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी। मेट्रो के टेस्ट रन के दौरान ट्रैक, पॉवर सप्लाई आदि को परखा गया। इससे प्राप्त डाटा का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे परिचालन में मदद मिलेगी।
-सुशील कुमार, एमडी, यूपीएमआरसी

शुक्रवार को शुरुआती ट्रायल हुआ है। 20 दिन बाद फाइनल ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में फिनिशिंग कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। अगस्त तक इन चारों भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। -पंचानन मिश्रा, पीआरओ, यूपीएमआरसी

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