रामलला के लिए नित्य दिल्ली से बनकर आता पुष्पों का हार

नव्य भव्य मंदिर में विराजित रामलला को नित्य आकर्षक पुष्पों की माला पहनाई जाती है। ये मालाएं प्रतिदिन दिल्ली से बनकर आती हैं। इसे विशेष प्रकार की पैकिंग में मंगाया जाता है। इसे अराध्य को श्रृंगार के बाद धारण कराया जाता है।

प्रतिदिन अलग-अलग पुष्पों की मालाएं बालक राम, रामलला व चारों भाइयों को पहनाया जाता है। अर्चक भगवान को सुबह साढ़े चार बजे जागरण कराते हैं। इसके बाद, उनका सरयू जल से अभिषेक किया जाता है। विशेष पूजन के बाद संपूर्ण श्रृंगार होता है। वस्त्र के बाद आभूषण से रामलला को सज्जित करते हैं।

तदुपरांत रामलला को कमल, गुलाब आदि पुष्पों की माला का अर्पण होता है। कभी कभी उन्हें काजू किशमिश की माला भी पहनाई जाती है, इसे अराध्य ने रविवार को धारण भी किया था। तुलसीदल के अलावा इलायची का हार भी रामलला पहनते हैं।

रामलला के छह सुरक्षा कर्मी, वस्त्र रखने को दो कक्ष भी
नव्य भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की सुरक्षा बढ़ गई है। उनके छह अंगरक्षक हैं। पहले इनकी संख्या तीन थी। अब प्रत्येक आठ-आठ घंटे के लिए दो-दो सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। भगवान के आभूषण, वस्त्र आदि रखने के लिए गर्भगृह के समीप ही दो छोटे छोटे कक्ष हैं, जिसमें नई चार अलमारी भी है। इन्ही में वस्त्र व श्रृंगार संरक्षित किया जाता है।

नियमित रूप से भगवान के शयन के समय उनके आभूषण उतार दिए जाते हैं। एक अर्चक ने बताया कि पूरी वैभव से रामलला की पूजा अर्चना हो रही है। लाखों लोग नित्य उनका दर्शन पूजन कर रहे हैं। बताया कि दिल्ली से उनकी पुष्पों की मालाएं नित्य बनकर आती हैं।

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