पांच साल पहले गोंडा में भी सजा था नारायण साकार का दरबार
हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि महाराज उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ से हुई मौत को यहां जिसने भी सुना, वह कोसता रह गया। पांच साल पहले सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार ने गोंडा जिले में भी सत्संग किया था। इसमें हजारों लोगों की भीड़ जुटी थी। चरण-रज पाने के लिए भक्तों में होड़ मची थी। इसमें भी बदइंतजामी के मामले निकलकर आए थे। हालांकि, आयोजकों ने किसी तरह से कार्यक्रम संपन्न करा लिया था।
छह नवंबर 2019 को गोंडा-लखनऊ हाईवे पर हारीपुर गांव के पास सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार से जुड़े लोगों ने एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया था। पांच दिन तक चले कार्यक्रम में लखनऊ, दिल्ली, हरियाणा सहित अन्य जिलों के हजारों लोग शामिल हुए थे। सूरजपाल सिंह को पंतनगर स्थित एक मैरिज हॉल में ठहराया गया था। यहां से सत्संग स्थल की दूरी करीब पांच किलोमीटर थी। लग्जरी गाड़ियों के काफिले के साथ सूरजपाल अपने लाव-लश्कर के साथ रवाना हुआ था। उसके अनुयायी पूरे रास्ते में दो वाहनों से फूलों की बारिश करते हुए चल रहे थे। बाबा के पहुंचने पर उसको देखने के लिए लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे जा रहे थे। पुलिस प्रशासन को भीड़ को काबू करने में काफी पसीना बहाना पड़ा था।
आयोजन से जुड़े अनुभव को साझा करते हुए लोनियनपुरवा की पतिराजी और नकहरा निवासी श्यामलाल ने बताया कि सतमार्ग पर चलने का संदेश भोले बाबा मंच से देते थे। मथुरा गांव निवासी मंगला व मीना देवी ने कहा कि नारायण साकार के जहां-जहां कदम पड़ते थे, उसकी धूल को माथे पर लगाने की होड़ मच गई थी। यहां कार्यक्रम पांच दिन चला था।
भीड़ के मुताबिक मुकम्मल इंतजाम न होने के चलते तमाम लोग कार्यक्रम से चले गए थे। नाम न छापने की शर्त पर कार्यक्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि भीड़ के अनुसार न तो छाजन का इंतजाम किया गया था और न पेयजल का बंदोबस्त था। लोग भूख से व्याकुल थे। कार्यक्रम में सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों की संख्या थी। बदइंतजामी के कारण तमाम लोग कार्यक्रम स्थल से चले गए थे। हाईवे पर जाम की भी समस्या थी।