कानपुर में बनेगा देश का पहला जीपीएस लैस गाइडेड सप्लाई ड्रॉप पैराशूट
गाइडेड मिसाइलों की तर्ज पर कानपुर की ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी जीपीएस से लैस गाइडेड सप्लाई ड्रॉप पैराशूट बनाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इस पैराशूट के जरिये सेना किसी भी जगह एक टन भार तक के सैन्य साजोसामान को पहुंचा सकेगी। देश में पहली बार इस तरह का सप्लाई ड्रॉप पैराशूट बनाया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय की डीपीएसयू (जीआईएल) की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) ने आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान के तहत कुछ समय पहले पी-7 हैवी ड्राॅप पैराशूट सिस्टम तैयार किया था। यह सेना को बेहद पसंद आया था। निर्माणी को बल्क प्रोडक्शन क्लीयरेंस (बीपीसी) भी मिल गया था। इस पैराशूट सिस्टम को आईएल-76 एयरक्राफ्ट के जरिये दुर्गम क्षेत्रों में सात टन भार के उपकरणों एवं वाहनों को उतारने में उपयोग में लाया जा सकता है। सेना को इस सप्लाई ड्रॉप सिस्टम की आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है।
अब एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (एडीआरडीई) के सहयोग से अब ऐसे सप्लाई ड्रॉप सिस्टम को तैयार करने पर काम किया जा रहा है, जिससे संकट की स्थिति में एक इशारे पर हथियार या रसद किसी भी स्थान पर पहुंचाई जा सके। अभी तक इस तरह का सप्लाई ड्रॉप सिस्टम देश में नहीं है। कंट्रोल एरियल डिलीवरी सिस्टम (सीएडी) के जरिये सेना को और मजबूत और सुरक्षित किया जा सकेगा। पैराशूट में जीपीएस लगा होने से सामान सुरक्षित रहेगा और इसको ट्रैक भी किया जा सकेगा।
जीपीएस आधारित सप्लाई ड्रॉप पैराशूट सिस्टम को बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके जरिये 500 किलो से एक टन भार तक के सैन्य साजोसामान को दुर्गम या संकट क्षेत्र में पहुंचाया जा सकेगा। जल्द ही इसका प्रोटोटाइप तैयार किया जाएगा। -वीके तिवारी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, जीआईएल