370 के हटने के बाद पहला आम चुनाव, उधमपुर सीट पर 68.27% मतदान

भारी बारिश और बर्फबारी के बीच जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र का जश्न शुक्रवार को मना। पहले चरण में उधमपुर संसदीय सीट के लिए 68.27 फीसदी लोगों ने मतदान किया। पिछली बार की तुलना में दो प्रतिशत कम मतदान हुआ। चुनाव में कुल 16.23 लाख लोगों को मतदान करना था। सुबह सात से शाम छह बजे तक चले मतदान के बाद इस सीट के लिए 12 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है। अब चार जून कठुआ में मतगणना होगा।
सुबह की बारिश के बाद दोपहर बाद तक मौसम साफ रहा, लेकिन शाम ढलते ही डोडा, किश्तवाड़ तथा कठुआ के कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई। इससे मतदान पर असर पड़ा। चुनाव सकुशल संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बलों की 200 कंपनियों की तैनाती की गई थी। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में यह पहला आम चुनाव है जिसमें मतदाताओं में रुझान देखा गया। सीट पर भाजपा, कांग्रेस तथा डीपीएपी के बीच त्रिकोणात्मक मुकाबला देखा गया।
उधमपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी लाल सिंह ने कठुआ तथा डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के जीएम सरूरी ने डोडा में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा प्रत्याशी डॉ. जितेंद्र सिंह का वोट उधमपुर संसदीय सीट में नहीं होने की वजह से उन्होंने विभिन्न जिलों में मतदान केंद्रों का दौरा किया।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कतार में खड़े होकर किया वोट
कठुआ के जिला निर्वाचन अधिकारी व उपायुक्त राकेश मिन्हास ने लाइन में लगकर आम मतदाताओं की तरह वोट डाले। सुबह से ही बारिश के बीच मतदान केंद्रों पर लोगों की लाइन लगी रही। इनमें युवा से लेकर महिला एवं पुरुष सभी शामिल थे। हालांकि, बारिश की वजह से रास्ते न बंद होने से लोगों को बूथों तक पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी सामने नहीं आई।
उधमपुर संसदीय क्षेत्र में कठुआ, उधमपुर, रामबन, डोडा व किश्तवाड़ जिलों के 18 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे। कुल 2637 बूथों पर 11 हजार से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया गया था। इनमें कठुआ में 607, उधमपुर में 654, डोडा में 529, किश्तवाड़ में 343 और रामबन में 348 मतदान केंद्र थे। कुल वोटरों में 8.45 लाख पुरुष तथा 7.77 लाख महिला मतदाता रहे। इसके अलावा 23627 दिव्यांग वोटर भी रहे। इसके साथ ही 18-19 साल के 84468 मतदाता थे। इनमें 45825 पुरुष व 38641 महिलाएं हैं।
1440 मतदान केंद्र पर हुई वेबकास्टिंग
कुल 1440 मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कैमरा के जरिये वेबकास्टिंग की गई। इनमें से 200 मतदान केंद्र पर दो कैमते रहे, जिनमें एक मतदान केंद्र के भीतर और दूसरा बाहर था ताकि लाइन पर भी नजर रखी जा सके। चुनाव में लगे 2100 वाहनों में जीपीएस का इस्तेमाल किया गया था। सेटेलाइट फोन, वायरलेस सेट 95 मतदान केंद्रों पर उपलब्ध रहा।
चार जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत
उधमपुर संसदीय सीट पर चार जगहों में ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत पर कुछ देर के लिए मतदान रुका रहा। इसमें उधमपुर में एक तथा कठुआ जिले के हीरानगर विधानसभा क्षेत्र के करोल कृष्णा स्थित मतदान केंद्र शामिल है। बाद में गड़बड़ियां दूर कर मतदान शुरू कराया गया।
जागरूकता के लिए पिंक व युवा मतदान केंद्र
चुनाव में जागरूकता के लिए 19 पिंक मतदान केंद्र बनाए गए थे, जहां केवल महिला मतदान कर्मी की तैनाती की गई थी। इसके अलावा 14 दिव्यांग मतदान केंद्र थे जिनमें केवल दिव्यांग मतदान कर्मी, 17 युवा मतदान केंद्र बनाए गए थे। यहां केवल 25 साल की आयु के सरकारी कर्मियों को मतदान कर्मचारी के रूप में तैनात किया गया था। पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 20 ग्रीन मतदान केंद्र भी बनाए गए थे। इसके अलावा 31 बॉर्डर मतदान केंद्र कठुआ जिले में बनाए गए थे।
यहां बने विशेष मतदान केंद्र
जिला महिला युवा दिव्यांग ग्रीन विशेष
डोडा 03 02 03 03 03
कठुआ 06 06 01 03 02
किश्तवाड़ 03 03 03 04 03
रामबन 03 03 03 04 03
उधमपुर 04 04 04 06 03
किस बार कितना हुआ मतदान
2024: 68.27 %
2019: 70.2 %
2014: 70.9 %
सात बजे कठुआ के डिग्री कॉलेज पहुंचने लगी ईवीएम
शाम सात बजे के लगभग राजकीय डिग्री कॉलेज कठुआ में बनाए गए स्ट्रांग रूम में ईवीएम के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हुआ। पोलिंग पार्टियों के वाहन जैसे जैसे लौटते रहे, वैसे ही सुरक्षा जांच के बाद ईवीएम को स्ट्रांग रूम में कड़े सुरक्षा पहरे में रखने का सिलसिला चलता रहा। देर रात तक पोलिंग पार्टियां कठुआ पहुंचती रहीं। कठुआ के अलावा उधमपुर, डोडा, रामबन, किश्तवाड़ जिलों के 2637 मतदान केंद्रों पर पूरी हुई मतदान प्रक्रिया के बाद ईवीएम कठुआ लाई जाएंगी।
लोकतंत्र को मजबूत बनाने को महिलाओं ने दर्ज करवाई सहभागिता
लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए महिलाओं ने भी बढचढ़ कर अपना योगदान दिया। दोपहर 12 बजे तक पुरुष मतदाताओं की लाइनें दिखीं लेकिन दोपहर 12 बजने के बाद से महिला मतदाताओं की लंबी कतारें लगनी लगीं। जिला कठुआ में अपना मताधिकार प्रयोग करने वाली महिलाएं भी पुरुषों के लगभग बराबर ही रहीं। इस बार महिलाओं के लिए छह विधानसभा केंद्रों पर बने 36 महिला पोलिंग स्टेशनों (पिंक बूथ) पर महिला चुनाव कर्मियों की तैनाती ने भी महिलाओं का उत्साह बढ़ाया।