रिटायर्ड HC जज समेत 5 पर FIR, CBI ने लखनऊ में 3 और UP में 8 जगह की छापेमारी और पाया कुछ ऐसा

  • लखनऊ.दिल्ली से सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने बुधवार को लखनऊ में प्रसाद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के 3 ठिकानों समेत 8 स्थानों पर छापेमारी की है। 12 घंटे की कार्रवाई में एजुकेशन इंस्टिट्यूट के फर्जी दस्तावेजों से मान्यता और भ्रष्टाचार को लेकर उड़ीसा के रिटायर्ड हाईकोर्ट जज इशरत मसरूर कुद्दूसी समेत 5 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
    रिटायर्ड HC जज समेत 5 पर FIR, CBI ने लखनऊ में 3 और UP में 8 जगह की छापेमारी और पाया कुछ ऐसा

     12 घंटे चलती रही छापेमारी, 4 टीमें यूपी में मौजूद…

    – यूपी के सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया, ”रिटायर्ड जज इशरत मसरूर कुद्दूसी (आईएम कुद्दूसी) के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है।
    – ”यह 2004 से 2010 तक उड़ीसा हाईकोर्ट में जज थे। इनके साथ ही प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के बीपी यादव और पलाश यादव के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया।” 
    – प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट लखनऊ में एक मेडिकल कॉलेज का संचालन करता है। इनके अलावा, बिचौलिए, विश्वनाथ अग्रवाल और दो अन्य, भावना पांडेय और सुधीर गिरि के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।”
    – सीबीआई ने कुद्दूसी के लखनऊ में लारेंस टेरेस आवास सहित प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के दिल्ली, लखनऊ और भुवनेश्वर के 8 ठिकानों पर छापेमारी की।
    – वहीं, सीबीआई के प्रवक्ता ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि उड़ीसा हाईकोर्ट के एक मौजूदा जज के आवास पर जांच एजेंसी ने छापेमारी की है।
    – सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, लखनऊ स्थित प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस उन 46 मेडिकल संस्थानों में शामिल है, जिसे सरकार ने नए छात्रों का दाखिला लेने से रोक दिया था। 
    – आधारभूत संरचना में कमियों के कारण इस संस्थान को नए दाखिलों से रोका गया था, इस मुद्दे को संस्थान ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

    कॉलेज में एडमिशन पर लगी थी रोक

    – सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्री पर फिर से विचार करें। 
    – सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सरकार ने मामले की सुनवाई की और कॉलेज को 2017-18 और 2018-19 शैक्षणिक वर्षों के लिए दाखिला लेने से रोक दिया। 

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    – सरकार ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को अधिकृत किया कि वो कॉलेज की बैंक गारंटी की रकम दो करोड़ रुपए को भुना ले। 
    – प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट ने इस मामले को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दे रखी है, ट्रस्ट ने रिट याचिका दाखिल की थी। 
    – बीपी यादव मेरठ स्थित वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज के सुधीर गिरि के जरिए न्यायमूर्ति कुद्दूसी और पांडेय के संपर्क में आए। 
    – यादव ने कुद्दूसी और पांडेय से अनुरोध किया कि वे अपने संपर्को के जरिए सुप्रीम कोर्ट में मामला निपटाने में उनकी मदद करें। फिर उन्होंने भुवनेश्वर के रहने वाले विश्वनाथ अग्रवाल से संपर्क साधा। 
    – प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, विश्वनाथ अग्रवाल ने मामले से संबंधित वरिष्ठ लोक सेवकों से बेहद करीबी संबंध होने का दावा किया हैं। 
    – आश्वासन दिया कि वह मामले को सकरात्मक तरीके से निपटा देंगे, उन्होंने उक्त मदद की एवज में भ्रष्ट एवं अवैध तरीकों से लोक सेवकों को ललचाने के लिए रिश्वत के तौर पर बड़ी रकम की मांग की। 
    – सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने जाल बिछाया और दिल्ली में अग्रवाल से एक करोड़ रुपए बरामद किए। 
    – यह रकम उन्हें कथित तौर पर हवाला ऑपरेटर राम देव सारस्वत से मिली थी, उन्होंने कहा कि छात्रों के दौरान हवाला ऑपरेटर से 85 लाख रुपए और पांडेय से 5 लाख रुपए बरामद किए गए।

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