पंद्रह वर्ष बीत गये लेकिन आज तक नहीं बन सकी पचास मीटर की सड़क!

हर चुनाव के पूर्व मिला आश्वासन, आज तक नहीं सुधरी दशा

वाराणसी : आज के दौर में यह अविश्वसनीय लगता है कि पंद्रह वर्षों में एक ऐसी भी सड़क है जो आज तक ​पक्की नहीं हो सकी। यह अलग बात है कि हर चुनाव के पूर्व इस सड़क को पिच कराने का आश्वासन सिकरौल पोखरे भोजूबीर की जनता को जनप्रतिनिधि के द्वारा मिलता रहा। दिलचस्प बात तो यह है कि सड़क पीच नहीं हुई लेकिन सड़क निर्माण का पत्थर साइड में लगा दिया गया। जनप्रतिनिधि के ‘कोरे झूठे’ आश्वासन की मिसाल बनी यह सड़क आज भी विकास के लिए तरस रही है।

सिकरौल पोखरे की इस सड़क पर चुभते हैं पत्थर नंगे पांव में

विडंबना यह कि इस सड़क पर नंगे पांव चलने वाले लोगों के लिए यह कांटोंभरी है। सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी क्या स्थिति होती होगी इस सड़क पर चलते होंगे। अपने विकास को तरसती सड़क आज भी अपने जनप्रतिनिधि और पार्षद का रास्ता देख रही है कि वह इस रास्ते को लोगों के चलने योग्य बनायेंगे। पचास मीटर की सड़क के लिए जनता धरने पर बैठे, यह लोकतंत्र की सबसे शर्मनाक गाथा होगी। क्षेत्रीय निवासियों की निगाहें अब सीएम योगी और पीएम मोदी पर टिकी हैं कि शायद किसी दिन उनकी नजरें—इनायत हो जाएं और विकास की बाट जोह रही इस सड़क का भी पुनरुद्धार हो जाये।

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