FATF मीटिंग में आज पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने का आ सकता है फैसला

पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखे जाने के लिए वोट किए जाने की संभावना ज्यादा है. एफएटीएफ आतंकवादी वित्तपोषण व धनशोधन की वैश्विक निगरानीकर्ता है.

हालांकि, एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) उप समूह ने सिफारिश की है कि पाकिस्तान के आतंकी फंडिंग से निपटने के उपायों पर इसके खराब अनुपालन के कारण इसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है लेकिन एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखे जाने की संभावना ज्यादा है.

एफएटीएफ का नेतृत्व वर्तमान में चीन कर रहा है और मलेशिया, तुर्की के साथ-साथ सऊदी अरब भी इसके सदस्य हैं. चीन, मलेशिया व तुर्की द्वारा अपने करीबी दोस्त पाकिस्तान को अवनत किए जाने के खिलाफ मतदान करने की संभावना ज्यादा है.

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सामरिक जानकार व पाकिस्तान मामलों के विशेषज्ञ जय कुमार वर्मा ने कहा, “एपीजी ने सिफारिश की है कि पाकिस्तान को ग्रे से ब्लैक सूची में अवनत किया जाना चाहिए. लेकिन एपीजी को अवनत करने का अधिकार नहीं है, जो एफएटीएफ को प्राप्त है.”

एफएटीएफ में किसी भी देश को काली सूची में डालने से रोकने के लिए कम से कम तीन देशों का मत होना जरूरी है. चीन, मलेशिया व तुर्की के होने से पाकिस्तान के लिए इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी और संभावना है कि वह काली सूची में जाने से बच जाएगा.

हालांकि, ग्रे लिस्ट में होने से भी पाकिस्तान का काफी नुकसान होगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बीती अप्रैल में कहा था कि पाकिस्तान अगर ग्रे सूची में रहता है तो उसे दस अरब डॉलर का सालाना नुकसान होगा.

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