प्याज पर किसानों को चार रुपए प्रति किलो से ज्यादा नहीं मिलेगा भावांतर, किसान हुए परेशान

भोपाल। प्याज की फसल को भावांतर योजना में शामिल करने के लिए राज्य सरकार ने एक नीति तैयार कर ली है। इस नीति के तहत किसानों को प्याज पर चार रुपए प्रति किलो से ज्यादा का भावांतर नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही प्याज का समर्थन मूल्य 8 रुपए प्रति किलो रहेगा। अगले हफ्ते होने वाली कैबिनेट बैठक में यह नीति पेश की जा सकती है।

प्याज पर किसानों को चार रुपए प्रति किलो से ज्यादा नहीं मिलेगा भावांतर, किसान हुए परेशान उद्यानिकी विभाग ने भावांतर योजना में प्याज को शामिल करने की नीति का मसौदा तैयार कर वित्त विभाग की मंजूरी के लिए भेजा है। नीति के तहत राज्य सरकार प्याज के मॉडल रेट और समर्थन मूल्य के बीच का अंतर किसानों को देगी, लेकिन यह अंतर चार रुपए प्रति किलो से ज्यादा नहीं होगा।

उदाहरण के लिए यदि मॉडल रेट चार रुपए प्रति किलो या उससे कम होगा तो चार रुपए प्रति किलो के हिसाब से भावांतर दिया जाएगा और यदि पांच रुपए या उससे ज्यादा मॉडल रेट हुआ तो समर्थन मूल्य के बीच का अंतर किसानों को दिया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले दो सालों से प्याज की बंपर फसल के कारण किसानों को फसल के सही दाम नहीं मिले थे, जिससे नाराज किसानों ने प्याज को सड़कों पर फेंकना शुरू कर दिया था।

इसके बाद राज्य सरकार ने प्याज को 8 रुपए प्रति किलो खरीदने की घोषणा की थी, हालांकि उसमें भी काफी अनियमितता सामने आई थी। नई नीति के तहत प्याज प्रदेश की चुनिंदा मंडियों और सहकारी संस्थाओं में ही खरीदा जाएगा। राज्य सरकार का अनुमान है कि इस साल भी करीब 10 से 12 लाख मिट्रिक टन प्याज का उत्पादन प्रदेश में होगा। प्याज की फसल जून में आएगी।

340 करोड़ रुपए का आएगा बोझ

इस साल प्याज को भावांतर योजना में शामिल करने पर राज्य सरकार पर करीब 340 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। इसमें 200 करोड़ रुपए किसानों को भावांतर के रूप में दिए जाएंगे। इसके साथ ही 100 करोड़ रुपए से लिए एक लाख मिट्रिक टन क्षमता के वेयर हाउस बनाए जाएंगे। इसके अलावा 40 करोड़ रुपए प्याज के रखरखाव के ऊपर खर्च होंगे। किसानों को प्याज सुरक्षित रखने पर भी प्रति किलो के हिसाब से सरकार भुगतान कर सकती है।

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