हरियाणा अफसरों ने किया बड़ा घोटाला, किसानों की सब्सिडी के 17 करोड़ रुपये किये गुल

चंडीगढ़। किसानों के अंगूठे के फर्जी निशान और फर्जी हस्ताक्षर से कृषि विभाग के अफसर 17 करोड़ रुपये की सब्सिडी डकार गए। किसानों को सिंचाई के लिए फव्वारा सेट व भूमिगत पाइप लाइन के नाम पर हुआ यह घोटाला खुलासा सीएम विंडो पर आई शिकायत में उजागर हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मामले में एफआइआर दर्ज कर सभी अंगूठों और हस्ताक्षरों की जांच का निर्देश दिया है। इसके अलावा सरकारी खजाने को चपत लगाने और बगैर अनुमति के विदेश जाने के आरोप में महिला पशु चिकित्सक को सस्पेंड किया गया है।हरियाणा अफसरों ने किया बड़ा घोटाला, किसानों की सब्सिडी के 17 करोड़ रुपये किये गुल

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता और ओएसडी (शिकायतें) भूपेश्वर दयाल ने को सीएम विंडो पर मिली शिकायतों पर  विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक के बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी गई जिस पर उन्होंने पुलिस में एफआइआर दर्ज करने व सभी अंगूठों व हस्ताक्षरों की जांच करने के निर्देश दिए।

फर्जीवाड़े में पशु चिकित्सक सस्पेंड

बिना अनुमति विदेशी दौरे करने व सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर सरकारी खजाने से पैसे निकलवाने के आरोप में मुख्यमंत्री ने सोनीपत की पशु चिकित्सक डॉ. रितु सिंह को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। पंचायत विभाग से जुड़े एक अन्य मामले में गुरुग्राम के गांव भौंडसी, दौलताबाद और रायसीना में कब्जाई गई जमीन के बारे में स्थिति स्पष्टï करने के लिए जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को तलब किया गया है। करनाल जिले से संबंधित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी द्वारा रिकार्ड गायब करने के मामले में चल रही विजिलेंस जांच को 30 दिन में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

उद्यान विभाग में नकली कलस्टर बना हड़प लिया सरकारी पैसा

सीएम विंडो पर उद्यान विभाग से संबंधित एक अन्य मामले में गड़बड़ करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। आरोप है कि भिवानी के गांव बलियाली में फर्जी कलस्टर बनाकर सरकारी पैसा हड़प लिया गया। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता ने उद्यान विभाग के निदेशक एवं मिशन के निदेशक को उक्त मामले में 3 अगस्त को बुलाया है। साथ ही पिछले तीन वर्षों में केंद्र व राज्य सरकार की सब्सिडी स्कीमों के तहत खर्च की गई राशि का विवरण एक सप्ताह में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

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