AAP में गुटबाजी, आज मीटिंग में शामिल हो सकते हैं 10 विधायक

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की माफी पर आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट में आर-पार की नौबत आ गई है. विवाद के बाद पंजाब प्रभारी और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सोसिदया ने आज पंजाब के 20 विधायकों की बुलाई बैठक थी, लेकिन विधायकों ने बैठक में आने से इनकार कर दिया. उलटा विधायकों ने उन्हें पंजाब आकर मिलने के लिए चिट्ठी लिख डाली.

पंजाब के पूर्व मंत्री और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल ने उनसे लिखित माफी मांगी तो पंजाब के आप नेताओं ने बगावत शुरू कर दी.

सांसद भगवंत मान समेत दूसरे पार्टी नेताओं ने खुलेआम केजरीवाल के इस कदम का विरोध किया और नाराजगी जताई. डैमेज कंट्रोल के लिए आज मनीष सिसोदिया ने शाम 5 बजे दिल्ली में पंजाब के विधायकों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में अरविंद केजरीवाल को भी शामिल होना है. लेकिन सुखपाल खैहरा खेमे के विधायक कवर संधू ने चिट्ठी लिखकर आने से इनकार कर दिया. उन्होंने अपने चिट्ठी में साफ कर दिया है कि बैठक में शामिल होने कोई विधायक दिल्ली नहीं जाएगा. जिन्हें बात करनी है वो खुद चंडीगढ़ आकर बात करें.

10 विधायक ले सकते हैं हिस्सा

हालांकि, अब सूत्रों से ये खबर आ रही है आज दिल्ली में होने वाली बैठक में 10 से ज्यादा विधायक हिस्सा ले सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो ओर विधानसभा में आम आदमी पार्टी दो धड़ों में बंट सकती है.

चिट्ठी में क्या लिखा

कंवर संधू ने लिखा, ‘जब राज्य की पार्टी ईकाई को स्वतंत्र तरीके से काम करने दिया जाएगा, तभी पंजाब में पार्टी में चल रहा संकट खत्म होगा. पहले भी कई बार केजरीवाल और दिल्ली के केंद्रीय नेतृत्व से ये बात कही जा चुकी है कि पंजाब के मामलों में उनका दखल नहीं रहेगा और भगवंत मान और सुखपाल खैहरा मिलकर ही पंजाब के मामलों से जुड़ा हर फैसला लेंगे.’

इससे पहले शनिवार को केजरीवाल ने पंजाब के नेताओं से मुलाकात की थी. इस बैठक में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के अलावा तीन विधायक बलजिंदर कौर, कुलतार सिंह और अमरजीत सिंह बैठक में शामिल हुए थे. हालांकि, मीटिंग में क्या बातचीत रही इस पर पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है.

सुलह की कोशिश

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और पंजाब के विधायक एचएस फुल्का विधायकों के मान-मनौव्वल में लगे हैं और उनकी कोशिश है कि पंजाब के अधिकतर विधायक आज की बैठक में शामिल हों. विधायकों से अलग अलग बात भी की गई है.

आप में भूचाल के बाद भले ही विधायकों को समझाने-बुझाने की कवायद तेज है. लेकिन लगता नहीं कि विधायक आसानी से मानने वाले हैं. खबर तो ये भी है कि आप विधायक अलग पार्टी बनाने की भी सोच रहे हैं. यानी केजरीवाल को मजीठिया से माफी मांगना बहुत भारी पड़ सकता है.

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