वेट लोस का बढ़िया ऑप्शन है कुट्टू का आटा
सावन के महीने में लोग व्रत-उपवास कर भगवान शिव की आराधना करते हैं। इस दौरान कई लोग गेहूं के आटे की वजह कुट्टू का आटा डाइट में शामिल करते हैं। कुट्टू का आटा कई तरीकों हमारे लिए फायदेमंद होता है। साथ ही यह Weight Loss का भी एक बढ़िया ऑप्शन होता है। आइए जानते हैं कैसे वजन कम करने में मदद करता है kuttu ka atta।
सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और इसी के साथ लोग देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना में लगे हुए हैं। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, जिसकी वजह से लोग उन्हें खुश करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत-उपवास रखते हैं। इस दौरान ज्यादातर लोग प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड से परहेज करते हैं। वहीं, इस दौरान कुछ लोग गेहूं के आटे को खाने से भी बचते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे बहुत ज्यादा प्रोसेस किया जाता है और इसमें सोडियम बेस्ड एडिटिव्स भी मिलाए जाते हैं। यही कारण है कि व्रत के दौरान अक्सर इस आटे से परहेज किया जाता है।
ऐसे में गेहूं के आटे के विकल्प में लोग कुट्टू का आटा डाइट में शामिल करते हैं। यह एक लोकप्रिय सामग्री है, जिसे खासतौर पर उपवास के दौरान खाया जाता है। यह मुख्य रूप से अपनी न्यूट्रिशन वैल्यू और ढेर सारे स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा कई लोग अपने वेट लॉस के लिए भी अपनी डाइट में शामिल करते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे क्या असल में वजन घटाने में मददगार है कुट्टू का आटा और अगर हां, तो कैसे?
प्रोटीन का बेहतर सोर्स
कुट्टू में अन्य अनाजों की तुलना में ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। प्रोटीन पेट भरा होने का अहसास कराता है और वजन घटाने के दौरान मेटाबॉलिज्म फंक्शन के लिए भी जरूरी होता है।
फाइबर से भरपूर
कुट्टू के आटे में फाइबर की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है, जो लंबे समय तक आपका पेट भरा रखता है, जिससे आप ज्यादा खाने से बचते हैं और आपका कैलोरी इनटेक भी कम होता है और इस तरह वेट मैनेजमेंट में मदद मिल सकती है।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले फूड्स धीरे-धीरे ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज छोड़ते हैं, जिससे ब्लड शुगर के लेवल में बढ़ोतरी को रोका जा सकता है। कुट्टू के आटा का लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो भूख और क्रेविंग को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
ग्लूटेन फ्री
ग्लूटेन फ्री होने की वजह से कुट्टू का आटा उन व्यक्तियों के लिए बिल्कुल सही है, जो ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील होते हैं या कम ग्लूटेन इनटेक करना चाहते हैं। ऐसे में कुट्टू का आटा इन लोगों के लिए एक परफेक्ट ऑप्शन के रूप में काम करता है।