EPFO पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी! 1 जनवरी से किसी भी बैंक में ले सकेंगे पेंशन

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) से जुड़े पेंशनधारकों के लिए नया साल एक बड़ी राहत लेकर आया है। आज से वह देश में स्थित किसी भी बैंक, शाखा या स्थान से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। सेवानिवृत्त होने के बाद अपने गृहनगर में रहने वाले लोगों के लिए यह एक बड़ी सहूलियत होगी।

दरअसल, कुछ दिनों पहले कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के लिए केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के प्रस्ताव को श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया और ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के चेयरमैन द्वारा स्वीकृत किया गया था, जिसके बाद नए साल से यह सुविधा कर्मचारियों को मिलने लगेगी। सीपीपीएस के लागू होने से लगभग 78 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा।

पेंशन पाने में कैसे होगी आसानी?

ईपीएफओ के एक सहायक आयुक्त के मुताबिक, वर्तमान व्यवस्था के तहत प्रत्येक ईपीएफओ जोनल और क्षेत्रीय कार्यालय केवल तीन से चार बैंकों के साथ व्यक्तिगत स्तर पर एक व्यवस्था बनाते हैं। ऐसे में जब सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने गृहनगर चला जाता है तो बैंक शाखा (जिस बैंक के साथ ईपीएफओ ने करार किया है) की अनुपस्थिति के चलते उसे पेंशन प्राप्त करने में परेशानी होती है। हालांकि सीपीपीएस के लागू होने के बाद पेंशन प्राप्त करने में आसानी होगी।

इसके अलावा, अब पेंशनधारकों को पेंशन शुरू होने के बाद सत्यापन के लिए किसी बैंक की शाखा में भी जाने की जरूरत नहीं होगी। पेंशन जारी होने के बाद तुरंत उस बैंक में जमा हो जाएगी, जिसका उल्लेख कर्मचारियों ने अपने दस्तावेजों में किया है।

इतना ही नहीं यदि कोई पेंशनधारक स्थानांतरित होता है या वह बैंक या शाखा बदलता है तो भी परेशान नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि सीपीपीएस एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के हस्तांतरण की आवश्यकता के बिना पूरे भारत में पेंशन वितरण की गारंटी देता है। ईपीएफओ को उम्मीद है कि नई प्रणाली के लागू होने से पेंशन भुगतान में लगने वाली बड़ी लागत की बचत होगी।

ईपीएस पेंशन के लिए पात्रता
कर्मचारी ईपीएफओ का सदस्य होना चाहिए और उसने 10 साल की सेवा पूरी की हो।
वह 58 वर्ष की आयु तक पहुंच गया हो।
वह 50 वर्ष का पूरा होने के बाद कम दर पर अपनी ईपीएस निकाल भी सकता है।
वह अपनी पेंशन को दो साल (60 वर्ष की आयु तक) के लिए आगे भी बढ़ा सकता है।
इसके बाद उसे प्रत्येक वर्ष चार प्रतिशत की अतिरिक्त दर पर पेंशन मिलेगी।

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