EPFO ने दी करोड़ों लाभार्थियों को राहत, इन कारणों से नहीं रोका जाएगा क्लेम

सरकार की तरफ से आए दिन ये कोशिश रहती है कि ईपीएफओ से मिलने वाली सर्विस और लाभ को आसान और सुविधाजनक बनाया जाए। इसी संदर्भ में सीपीएफसी ने देशभर के सभी रिजंल और जोनल ईपीएफओ ऑफिस को पत्र लिखा है।
इसमें सभी ईपीएफओ ऑफिस को ये सलाह दी गई है कि वे लाभार्थियों के पार्ट पेमेंट क्लेम को स्वीकार कर लें। सीपीएफसी की तरफ से ये कई बार नोटिस किया गया है कि लाभार्थियों के पीएफ क्लेम को कई कारणों के चलते रिजेक्ट किया जाता है। इन कारणों में पिछले पीएफ खाते को ट्रांसफर न करना शामिल हैं। क्लेम पैसा न मिलने से लाभार्थियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ जाता है।
जबकि मैनुअल ऑफ एकाउंटिंग प्रोसिजर के पैरा 10.11 के भाग-11 ऐ के तहत ऐसे क्लेम को पार्ट पेमेंट के तहत स्वीकार किया जाना चाहिए। मैनुअल ऑफ एकाउंटिंग प्रोसिजर में 5 ऐसे प्वाइंट दिए है, जिसके तहत लाभार्थी पार्ट पेमेंट के जरिए क्लेम कर सकते हैं।
क्या-क्या है इनमें शामिल?
फॉर्म 3ए की प्राप्ति न होना
पिछली पेमेंट पूरी न होना
अकाउंट ट्रांसफर के पैसे पूरे न मिलना
इत्यादि
इसके साथ ही सीपीएफओ की ओर से ये भी आदेश दिया है कि पार्ट पेमेंट करते वक्त इसकी एंट्री होना जरूरी है। इसे हर महीने चेक भी किया जाना चाहिए। वहीं जैसे ही पिछली पेमेंट आती है, उसको भी तुरंत लाभार्थी तक पहुंचा जाए। ऐसा न हो कि लाभार्थी बाकी के बचे पेमेंट का क्लेम मांगते रहें।
ईपीएफ के तहत नौकरीपेशा वयक्ति की सैलरी का एक हिस्सा हर महीने पीएफ खाते में जमा किया जाता है। पीएफ खाते में जमा होने वाले पैसे ईपीएस में भी दिए जाते हैं। ईपीएस के तहत आपको ये पैसे पेंशन के रूप में मिलते हैं। इसके तहत ही आप 60 साल पूरा होने के बाद पीएफ में जमा पैसों को एकमुश्त क्लेम भी कर सकते हैं। हालांकि क्लेम करते वक्त कई लाभार्थियों को मुश्किले आई है।





