राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता है झटका
राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सोमवार दोपहर एक्सप्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने राजस्थान को बिजली उत्पादन में स्वयंपोशी बनाने की बात कही। ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विभाग से जुड़े विभिन्न पहलुओं के ऊपर चर्चा करते हुए पिछली कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा।
139000 करोड़ रुपये का घाटा विद्युत विभाग पर
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जब 2018 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कांग्रेस की सरकार को विद्युत विभाग सौंपा था उस वक्त विद्युत विभाग 2000 करोड़ से ज्यादा के मुनाफे में था, परंतु 2023 के अंत में भाजपा की सरकार बनी है और उनके द्वारा विद्युत विभाग हमको सौंपा गया है। उस वक्त 139000 करोड़ रुपये का घाटा विद्युत विभाग पर है, जो इनके कुप्रबंधन के कारण हुआ है। अब इसका सीधा असर राजस्थान के उपभोक्ताओं को झेलना पड़ रहा है।
महंगी बिजली को मुफ्त और सस्ती दरों पर दिया
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि जिस कोयले की पांच हजार मीट्रिक टन में खरीद की जा सकती थी, वो इन्होंने 18000 रुपये मीट्रिक टन के भाव से खरीदा। इतना ही नहीं अपनी चुनावी घोषणाओं को पूरा करने के लिए और राजनीतिक लाभ लेने की दृष्टि से महंगी बिजली को मुफ्त और सस्ती दरों पर दिया, जिसका खामियाजा राजस्थान के उपभोक्ता को भुगतना पड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री ने कहा की फ्यूल चार्ज बढ़ाना विद्युत नियामक के हाथ में है, विभाग के हाथ में नहीं अगर बिजली बनाने की कीमत बढ़ेगी तो फ्यूल चार्ज भी बढ़ाया जा सकता है जिस पर हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं है।
प्रतिदिन 9 रैंक कोयला मिल रहा
ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान सरकार को कोयला खनन की अनुमती दी है, उसको भी गलत तरीके से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वार प्रचारित किया गया। असलियत यह कि हमको प्रतिदिन 9 रैंक कोयला मिल रहा है, जिसको बढ़ाकर 18 रैंक करने की मंशा है।
नए रजिस्ट्रेशन बंद
ऊर्जा मंत्री ने अपनी प्रेस वार्ता में यह भी स्पष्ट कर दिया कि पुरानी सरकार के जितने भी लोगों को 100 यूनिट मुक्त बिजली देने के लिए रजिस्टर्ड किया गया था, उनकी योजना चालू रहेगी। नये रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए हैं।
तीन बार के मुख्यमंत्री गहलोत झूठ बोल रहे हैं
भाजपा सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने राज्य सरकार की ओर से ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार को बताया तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर कुप्रबंधन के साथ ऊर्जा सेक्टर की उपेक्षा का आरोप लगाया। इतना ही नहीं, ऊर्जा मंत्री नागर ने पूर्व सीएम गहलोत पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता से जुडे़ विकास कार्यों में भी तीन बार के मुख्यमंत्री गहलोत झूठ बोल रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ के सीएम का पूर्व में आवंटित कोल ब्लॉक के लिए धन्यवाद दिया और लंबित 2 कोल ब्लॉक के और स्थानांतरण के लिए आग्रह किया तो गहलोत ने इस पर राजनीति शुरू कर दी।
कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन बढ़ा दिया घाटा
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि 2013 से 18 तक भाजपा सरकार ने बिजली कंपनियों के 62 हजार 400 करोड़ रुपये का ऋणभार उदय योजना के तहत चुकाया और 5 साल में इन कंपनियों को ऋण मुक्त कर 2607 करोड़ का वित्तीय लाभ की स्थिति में पहुंचा दिया था। 2019-23 तक फिर से कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के चलते बिजली कंपनियों का घाटा 1 लाख 39 हजार करोड़ तक पहुंचा दिया गया। गहलोत सरकार ने डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को भी 88 हजार 700 करोड़ का कर्ज में डुबोया और समय पर कर्ज नहीं चुका पाने के चलते 300 करोड़ रुपये तो केवल पेनल्टी के तौर पर चुकाए हैं। ऐसे में कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन का खामियाजा प्रदेश की जनता को फ्यूल सरचार्ज के तौर पर चुकाना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार ने अन्य राज्यों से बैंकिंग के माध्यम से बिजली उधार ली, जो भाजपा सरकार को गर्मी के सीजन में लौटानी पड़ी। इससे प्रदेश में बिजली व्यवस्था कुछ समय के लिए चरमरा गई।
बिजली घर कोयले के लिए तरसते रहे
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश के बिजली घर कोयले के लिए तरसते रहे। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद गहलोत सरकार आवंटित कोल ब्लॉक से समय पर खनन तक शुरू नहीं करवा पाई। ऐसे में प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए महंगा कोयला खरीदा गया। इसकी गुणवत्ता घटिया थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा महंगी दरों पर खरीदे गए कोयले में राख की मात्रा अधिक होने से उत्पादन निगम की यूनिटें बार-बार बंद तक हो गई। घटिया कोयला खरीदने से राज्य के थर्मल बिजलीघर अपनी क्षमता से 50 फीसदी ही उत्पादन कर पाए।
राजस्थान में 31825 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि भाजपा की भजनलाल सरकार प्रदेश को ऊर्जा के सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने 7 माह में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ मिलकर 1 लाख 60 हजार करोड़ के एमओयू किए। इससे राजस्थान में 31825 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार की ओर से 11200 मेगावाट के पावर प्लांट्स की निविदा टैरिफ आधारित आमंत्रित की जा चुकी है। वहीं राजस्थान में 2 हजार से 2500 मेगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा और पम्प स्टोरेज आधारित विभिन्न परियोजनाओं को भाजपा सरकार धरातल पर लाने की ओर अग्रसर है। राज्य सरकार की ओर से ऊर्जा के क्षेत्र में शुरू की जा रही विभिन्न परियोजनाओं को पूरा होने पर बेस लोड और पीक लोड डिमांड को पूरा किया जाएगा।
पहली बार पम्प स्टोरेज परियोजना
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि राजस्थान सरकार पहली बार पम्प स्टोरेज परियोजना को शुरू कर रही है। इस योजना में चार से पांच घंटे की स्टोरेज मिलेगी और पीक ऑवर में उसकी सप्लाई की जाएगी। सौलर और थर्मल पॉवर प्लॉट के साथ पंप स्टोरेज परियोजना राजस्थान के लिए मील का पत्थर साबित होगी। वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकार बिजली निगमों के प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए और मॉनेटाइजेशन की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए प्रसारण निगमों और पावर ग्रिड के बीच ज्वाइंट वेंचर कंपनी की स्थापना की जाएगी। इसके लिए तकरीबन 10 हजार करोड़ का निवेश होगा। सरकार सरकार ने लेखानुदान में भी इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट लाने की भी घोषणा की है। राजस्थान सरकार की दूरदर्शी सोच के चलते 2027 तक ऊर्जा सेक्टर में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।
डबल इंजन सरकार जनहित के ऐतिहासिक फैसले कर रही है
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की डबल इंजन सरकार जनहित के ऐतिहासिक फैसले कर रही है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में फीडरों के सेग्रीगेशन के लिए आरडीएसएस योजना में 7896 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस योजना से किसानों के साथ घरेलू उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। भाजपा सरकार जल्द ही 1 लाख 45 हजार कृषि कनेक्शन जारी करेगी और प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए 112 नए ग्रिड सब स्टेशन बनाएगी। वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकार ने बजट में प्रत्येक जिले में आदर्श सौर ग्राम बनाने की घोषणा भी की है। इसमें 2 हजार मेगावाट के सौलर प्लॉट से ग्रामवासियों को बिजली देंगे। वहीं राजकीय कार्यालयों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरकार 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाने, वंचित 2 लाख 8 हजार परिवारों को घरेलु कनेक्शन जारी करने एवं कुसुम सी योजना में किसान भाइयों को दिन में बिजली देने का काम जल्द ही पूरा किया जाएगा।