लेबनान में राष्ट्रपति के लिए फिर चुनाव, 2 साल में 12 बार हो चुकी है कोशिश

लेबनान का अगला राष्ट्रपति बनने की रेस में लेबनान की सेना के कमांडर जोसेफ औन का नाम सबसे आगे है। जोसेफ औन को अमेरिका और सऊदी अरब का भी समर्थन मिला हुआ है।

लेबनान की संसद में गुरुवार को एक बार फिर से राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान होगा। यह इतना मुश्किल हो गया है कि बीते दो वर्षों में लेबनान की संसद में 12 बार अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने की कोशिश हुई, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से यह चुनाव अटक गया। लेबनान के पूर्व राष्ट्रपति मिशेल औन का कार्यकाल अक्तूबर 2022 में ही समाप्त हो चुका है, लेकिन अभी तक नए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो सका है। अब उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार के मतदान में नए नेता के नाम पर मुहर लग सकती है।

लेबनान का राष्ट्रपति बनने की रेस में ये नेता सबसे आगे
लेबनान का अगला राष्ट्रपति बनने की रेस में लेबनान की सेना के कमांडर जोसेफ औन का नाम सबसे आगे है। जोसेफ औन को अमेरिका और सऊदी अरब का भी समर्थन मिला हुआ है। ऐसे में जोसेफ औन का लेबनान का अगला राष्ट्रपति बनने की सबसे ज्यादा उम्मीद है। सुलेमान फ्रांगेह का नाम भी इस रेस में शामिल था। फ्रांगेह को हिजबुल्ला का भी समर्थन था। फ्रांगेह सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद का भी करीबी माना जाता है। हालांकि फ्रांगेह ने बुधवार को राष्ट्रपति पद की रेस से अपना नाम वापस ले लिया था और जोसेफ औन के नाम का समर्थन किया। जिसके बाद जोसेफ औन की दावेदारी और मजबूत हो गई थी।

लेबनान बीते 14 महीने से इस्राइल और हिजबुल्ला के संघर्ष में फंसा हुआ है। ऐसे में लेबनान को पुनर्निर्माण की जरूरत होगी। किसी भी नए राष्ट्रपति के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होने वाली है। लेबनान में सांप्रदाय के आधार पर सत्ता साझा करने की राजनीतिक प्रणाली है, जिसके चलते राष्ट्रपति पद को लेकर यहां अक्सर गतिरोध देखने को मिलता है। ऐसे ही गतिरोधों के चलते मई 2014 से लेकर अक्तूबर 2016 तक करीब ढाई साल तक भी लेबनान में राष्ट्रपति पद खाली रहा था। पूर्व राष्ट्रपति मिशेल औन के चुने जाने के बाद यह गतिरोध खत्म हुआ था। अब एक बार फिर वैसी ही स्थिति बन गई है। हालांकि गुरुवार के मतदान में भी राष्ट्रपति का चुनाव आसानी से हो जाएगा, इसकी संभावना भी कम ही है।

पहले दौर में दो तिहाई मत पाने की चुनौती
लेबनान में राष्ट्रपति का पद पाने के लिए संसद में मतदान के पहले दौर में 128 सीटों में से दो तिहाई बहुमत और बाद के दौर में साधारण बहुमत से जीतना जरूरी है। लेबनान के संविधान के अनुसार, जोसेफ औन को पहले के साथ ही दूसरे दौर में भी दो तिहाई बहुमत हासिल करना होगा। लेबनान के अगले राष्ट्रपति की रेस में जिहाद अजूर का भी नाम शामिल है, जो कि लेबनान के पूर्व वित्त मंत्री रहे हैं और फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में मध्य पूर्व और मध्य एशिया विभाग के निदेशक हैं। साथ ही इलियास अल बेसारी के नाम की भी चर्चा है।

नए राष्ट्रपति के सामने गंभीर चुनौतियां
नए राष्ट्रपति के सामने पुनर्निर्माण के साथ ही इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच शांति समझौते को लागू कराने की भी चुनौती रहेगी। लेबनान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और हालात ये हैं कि लेबनान में लोगों को कुछ ही घंटे बिजली मिल रही है। लगातार लेबनान की मुद्रा नीचे जा रही है। लेबनान आईएमएफ से साल 2022 से ही बेलआउट पैकेज को लेकर बात कर रहा है। हालांकि अभी तक इस पर सहमति नहीं बन पाई है।

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