यूरोप के सबसे गरीब देश कोसोवो में चुनाव नतीजों का एलान
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सर्बिया के साथ तनातनी और विदेशी फंडिंग पर रोक के चलते कोसोवो की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। रविवार को जारी हुए नतीजों में सत्ताधारी पार्टी को 41.99 फीसदी वोट मिले हैं।
यूरोप का सबसे गरीब देश माने जाने वाले कोसोवो में संसदीय चुनाव के नतीजों का एलान हो चुका है। नतीजों में कोसोवो की सत्ताधारी पार्टी सेल्फ डिटरमिनेशन मूवमेंट पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं, लेकिन वह भी सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत से दूर है। ऐसे में कोसोवो में गठबंधन की सरकार बनने के आसार हैं। सर्बिया के साथ तनातनी और विदेशी फंडिंग पर रोक के चलते कोसोवो की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। रविवार को जारी हुए नतीजों में सत्ताधारी पार्टी को 41.99 फीसदी वोट मिले हैं।
गठबंधन की सरकार के आसार
हालांकि 73 प्रतिशत वोटों की ही अभी तक गिनती हो सकी है। ऐसे में हो सकता है कि सेल्फ डिटरमिनेशन मूवमेंट पार्टी बहुमत पा ले, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो फिर कोसोवो की आगे की राह थोड़ी मुश्किल जरूर हो जाएगी। कोसोवो की डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोसोवो को 22 प्रतिशत वोट मिले हैं। वहीं डेमोक्रेटिक लीग ऑफ कोसोवो को 17 फीसदी मत मिले हैं। अलायंस फॉर कोसोवो फ्युचर पार्टी को करीब सात फीसदी मत मिले हैं। ऐसे में बहुत संभावना है कि गठबंधन की सरकार सत्ता पर काबिज हो, जिसका नेतृत्व मौजूदा पीएम अलबिन कुर्ती ही कर सकते हैं।
चुनाव में किए गए वादे पूरे करने की चुनौती
कोसोवो की राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए हैं, जिनमें लोगों की सैलरी और पेंशन बढ़ाने, शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर करने जैसे वादे शामिल हैं। हालांकि इसके लिए पैसा कहां से आएगा, ये अभी तक साफ नहीं हैं क्योंकि विदेशी फंडिंग पर बहुत हद तक निर्भर रहने वाले कोसोवो की विदेशी फंडिंग भी प्रभावित हुई है, क्योंकि अमेरिका ने यूएएआईडी के तहत दी जाने वाली फंडिंग रोक दी है। सर्बिया के साथ भी कोसोवो का तनाव बढ़ा हुआ है और दोनों देशों के बीच बीते साल से बातचीत भी रुकी हुई है।
सर्बिया से तनाव जारी
कोसोवो में रहने वाले सर्ब मूल के लोग भी परेशान हैं। कोसोवो और सर्बिया में तनाव इस कदर बढ़ा हुआ है कि कोसोवो ने सर्बिया की मुद्रा के चलन पर रोक लगा दी है और सर्बिया से होने वाली सर्ब मूल के लोगों को फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। इसे लेकर यूरोपीय संघ और अमेरिका समेत कई देशों ने नाराजगी जाहिर की है। बता दें कि सर्बिया से अलग होकर ही साल 2008 में कोसोवो आजाद हुआ है और अभी तक सर्बिया की सरकार ने कोसोवो को अलग देश के रूप में मान्यता नहीं दी है।