एकादशी के दिन जरूर करें शंख की पूजा, जाने इसके लाभ

इस महीने एकादशी का व्रत 8 दिसंबर को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस विशेष दिन पर शंख की पूजा करने का भी विधान है। लेकिन शंख पूजा के कुछ नियम और विधि बताई गई है जिसके अनुसार ही पूजा (Shankh Puja Vidhi) पूर्ण मानी जाती है। तो आइए जानते हैं –
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का खास महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। भक्त इस दिन श्री हरि विष्णु के लिए उपवास रखते हैं। ऐसा कहा जाता है, जो लोग इस व्रत को रखते हैं उनपर श्री नारायण की पूर्ण कृपा होती है।
इस महीने एकादशी का व्रत 8 दिसंबर को रखा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस विशेष दिन पर शंख की पूजा करने का भी विधान है। लेकिन शंख पूजा के कुछ नियम और विधि बताई गई है, जिसके अनुसार ही पूजा पूर्ण मानी जाती है। तो आइए जानते हैं-
शंख पूजन विधि
- शंख की पूजा करने से पहले माता लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की पूजा अवश्य करें।
- भगवान विष्णु के सामने दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करें।
- दक्षिणावर्ती शंख का विधि पूर्वक अभिषेक करें।
- गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
- और उसी शंख से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अभिषेक करें।
- भगवान के समक्ष दीया जलाएं।
- भगवान विष्णु के नामों का जाप अवश्य करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि शंख में गंगा जल भरा हो, और फिर पूजा के समाप्त होने के बाद उसे पूरे घर पर छिड़कें।
- अंत में आरती करें।
- अगले दिन अपने व्रत का पारण करें।
विष्णु पूजन मंत्र
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
मङ्गलम् भगवान विष्णुः मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः मङ्गलाय तनो हरिः॥
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।