कोयला खदान में अब भी फंसे आठ श्रमिक, मृत मजदूर की पत्नी पहुंची असम

कोयला खदान में फंसे आठ श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। एनडीआरएफ, नौसेना, सेना समेत तमाम एजेंसियां अभियान में लगी हुईं हैं। खदान हादसे में जान गंवाने वाले नेपाल के श्रमिक गंगा बहादुर श्रेष्ठ की पत्नी उसका शव लेने असम पहुंची। पत्नी सुशीला राय सोनुरू ने कहा कि गंगा बहादुर घर में अकेले कमाने वाले थे। अब परिवार का गुजारा कैसे होगा?

असम के पास दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान में फंसे आठ श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। एनडीआरएफ, नौसेना, सेना समेत तमाम एजेंसियां अभियान में लगी हुईं हैं। खदान हादसे में जान गंवाने वाले नेपाल के श्रमिक गंगा बहादुर श्रेष्ठ की पत्नी उसका शव लेने असम पहुंची। पत्नी सुशीला राय सोनुरू ने कहा कि गंगा बहादुर घर में अकेले कमाने वाले थे। अब परिवार का गुजारा कैसे होगा?

दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो के तीन किलो क्षेत्र में कोयला खदान में सोमवार को 300 फीट गहरी खदान में अचानक पानी भर गया था। इस खदान में नौ श्रमिक फंस गए थे। इसके बाद भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों की संयुक्त टीम ने त्वरित और प्रभावी तरीके से बचाव अभियान की शुरुआत की थी।

इसके बाद से लगातार सेना, असम राइफल्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नौसेना और पुलिस की टीम श्रमिकों को तलाश रही है। बुधवार को खदान में 85 फुट नीचे से एक श्रमिक का शव बरामद किया था। जिसकी पहचान नेपाल के उदयपुर जिले के गंगा बहादुर श्रेष्ठो के रूप में हुई।

खदान स्थल पर पहुंची गंगा बहादुर की पत्नी सुशील राय सोनुरू ने कहा कि मेरे पति दो महीने पहले दीमा हसाओ आए थे। हमें छह जनवरी को घटना के बारे में पता चला। मेरे दो लड़की और एक लड़का है। अब पता नहीं मैं क्या करूंगी, कैसे रहूंगी? मैं काफी परेशानियों का सामना कर रही हूं। मैं भारत सरकार से मदद मांग रही हूं।

वहीं मृतक श्रमिक के रिश्तेदार रोशन राय ने कहा कि गंगा बहादुर के अलावा एक और नेपाली श्रमिक लिजान भी खदान में फंस गया था। वह अब तक नहीं निकल सका है। हम यहां श्रमिक के तौर पर काम कर रहे थे।

एक और युवक श्याम कुमार श्रेष्ठ ने बताया कि मृतक श्रमिक गंगा बहादुर की पत्नी, बच्चों और माता-पिता को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उसकी पत्नी एक बच्चे को लेकर यहां आई है। वह उसका शव नेपाल लेकर जा रही है। असम के खान और खनिज मंत्री कौशिक राय ने बुधवार को कहा था कि खदान से एक श्रमिका का शव मिला है।

जारी रहा बचाव अभियान
खदान में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा। एनडीआरएफ की पहली बटालियन के कमांडेंट एचपीएस कंधारी ने कहा कि पानी निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। एक पंप लगाया गया है। एक हैवी-ड्यूटी पंप भी लाया गया है। एनडीआरएफ इस प्रक्रिया में सहायता कर रहा है। यह एक संयुक्त प्रयास है।

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