जम्मू-कश्मीर के आठ जिले, 17 विधानसभा और 424 बूथ पाकिस्तानी गोलाबारी के दायरे में…

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से लगते आठ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) तथा नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे 424 मतदान केंद्र संवेदनशील हैं। यह केंद्र सीमा पार से फायरिंग तथा शेलिंग के दायरे में आते हैं। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से 2021 से युद्धविराम समझौते का पालन किया जा रहा है, लेकिन आईबी पर पिछले साल दिवाली के आसपास पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की गई थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से इन केंद्रों के लिए आपातकालीन व्यवस्था भी की गई ताकि यदि पाकिस्तान की ओर से किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा की जाती है तो मतदान बिना किसी रुकावट के जारी रहे।
आठ जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्र पाकिस्तानी गोलाबारी के दायरे में हैं। इस दृष्टि से जम्मू जिला सबसे अधिक संवेदनशील है जहां 125 मतदान केंद्र पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित हो सकते हैं। इनमें बिश्नाह के 30, अखनूर के 21, छंब के 42 व सुचेतगढ़ के 32 मतदान केंद्र हैं। इसके बाद कुपवाड़ा जिले के करनाह में 55, त्रेहगाम में छह, कुपवाड़ा में एक तथा लोलाब में 11 केंद्र, बांदीपोरा के गुरेज में 31, बारामुला के उड़ी विधानसभा में 39 केंद्र दायरे में हैं।
सांबा के रामगढ़ विधानसभा में 33 केंद्र, कठुआ के हीरानगर में 29, पुंछ जिले के पुंछ हवेली व मेंढर विधानसबा में 49 तथा राजोरी के नौशेरा में 28, राजोरी में तीन तथा थन्नामंडी में 14 मतदान केंद्र हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पीके पोल ने बताया कि बॉर्डर से लगते सभी जिलों के मतदान केंद्रों में आवश्यक प्रबंध किए गए हैं ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति में मतदान पर कोई असर न पड़ सके।
पांच लोकसभा सीटों में चार पाकिस्तानी गोलाबारी के दायरे में
जम्मू-कश्मीर की पांच में से चार लोकसभा सीटें पाकिस्तानी गोलाबारी के दायरे में हैं। इसमें बारामुला, जम्मू, उधमपुर व अनंतनाग-राजोरी सीटें शामिल हैं। इनमें जम्मू में 158, बारामुला में 143, उधमपुर में 29 तथा अनंतनाग-राजोरी सीट में 94 केंद्र पाकिस्तानी गोलाबारी से दायरे में हैं। एकमात्र श्रीनगर सीट पर पाकिस्तानी फायरिंग का कोई असर नहीं है।
जिला और मतदान केंद्र
कुपवाड़ा 73
बांदीपोरा 31
बारामुला 39
जम्मू 125
सांबा 33
कठुआ 29
पुंछ 49
राजोरी 45